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सलमान खान की फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान': क्या है चीन की प्रतिक्रिया?

लद्दाख की गलवान घाटी एक बार फिर चर्चा में है, इस बार सलमान खान की फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' के कारण। फिल्म के टीजर ने भारत-चीन संबंधों पर नई बहस को जन्म दिया है। जानें कैसे इस घाटी का नामकरण हुआ, इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है, और कैसे यह स्थान अब राजनीति और सिनेमा का संगम बन चुका है। क्या चीन की प्रतिक्रिया इस फिल्म को लेकर सही है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

गलवान घाटी फिर चर्चा में


लद्दाख की गलवान घाटी एक बार फिर से सुर्खियों में है, लेकिन इस बार इसका कारण सीमा पर कोई नई झड़प नहीं है। बल्कि, यह सलमान खान की आगामी फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' है, जिस पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया आई है। फिल्म के टीजर ने पुरानी यादों को ताजा कर दिया है और भारत-चीन संबंधों पर नई बहस को जन्म दिया है।


गलवान घाटी का इतिहास

लगभग पांच साल पहले, यह घाटी तब चर्चा में आई थी जब भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आए थे। उस संघर्ष में कई भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था। इससे पहले, गलवान घाटी का महत्व तब सामने आया था जब दुनिया ने इसके अस्तित्व को जाना।


गलवान घाटी का नामकरण

गलवान घाटी का नाम उन्नीसवीं सदी के कश्मीरी गाइड गुलाम रसूल गलवान से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश काल में, जब विदेशी खोजकर्ता लद्दाख और काराकोरम के कठिन इलाकों का नक्शा बना रहे थे, तब स्थानीय गाइड उनकी मदद करते थे। गुलाम रसूल गलवान ने श्योक नदी और उसके आसपास के रास्तों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग खोजा, जिसके बाद घाटी का नाम 'गलवान' पड़ा।


गलवान घाटी का महत्व

गलवान घाटी केवल एक पहाड़ी क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह भारत-चीन सीमा विवाद का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट स्थित है और दौलत बेग ओल्डी एयर स्ट्रिप की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी ऊंचाई, बर्फ और कठिन मौसम इसे सैन्य दृष्टि से चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।


गलवान विवाद का संक्षिप्त इतिहास

जून 2020 में, गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए। चीन ने भी अपने सैनिकों के नुकसान की बात स्वीकार की, लेकिन आंकड़ों पर विवाद रहा। इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया।


फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' और विवाद

सलमान खान की फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' 2020 की इसी घटना से प्रेरित मानी जा रही है। टीजर में भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को दर्शाया गया है। कहा जा रहा है कि सलमान फिल्म में कर्नल बी. संतोष बाबू के किरदार को निभा रहे हैं। फिल्म 2026 में रिलीज होने वाली है।


टीज़र के सामने आते ही, चीन के सरकारी मीडिया ने आरोप लगाया कि फिल्म इतिहास को एकतरफा तरीके से पेश कर रही है। चीन का कहना है कि बॉलीवुड इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहा है और राष्ट्रवादी भावनाएं भड़का रहा है।


गलवान घाटी का संदेश

आज गलवान घाटी केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं है, बल्कि यह इतिहास, राजनीति और सिनेमा का संगम बन चुकी है। यह दर्शाती है कि आधुनिक युग में सीमाओं की लड़ाई केवल भौतिक रूप से नहीं, बल्कि कहानियों और विचारों के स्तर पर भी लड़ी जाती है। गलवान अब भारतीय स्मृति का एक स्थायी हिस्सा बन चुकी है।