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गर्भवती गाय की सफल सर्जरी: हिमाचल प्रदेश में ऐतिहासिक चिकित्सा उपलब्धि

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक गर्भवती गाय की सर्जरी ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। डॉक्टरों ने गाय के पेट से 28 किलोग्राम प्लास्टिक और अन्य हानिकारक वस्तुएं निकालीं। इस ऑपरेशन के बाद गाय को सात दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। पशुपालन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे कचरे का सही निस्तारण करें। जानें इस अद्भुत सर्जरी के बारे में और कैसे यह अस्पताल क्षेत्र में एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र बन गया है।
 

गर्भवती गाय की सर्जरी

गर्भवती गाय का ऑपरेशन: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के जोनल पशु चिकित्सालय बरनोह में एक गर्भवती गाय की सर्जरी ने एक नया इतिहास रच दिया। इस ऑपरेशन के दौरान गाय के पेट से 28 किलोग्राम प्लास्टिक, कपड़े, रस्सियां और 41 कीलें सहित कई धातु के टुकड़े निकाले गए।


सर्जरी की टीम

इस सफल ऑपरेशन का नेतृत्व अस्पताल के प्रभारी डॉ. निशांत रनौत और डॉ. शिल्पा रनौत ने किया, जिसमें डॉ. स्टेफनी, डॉ. निकिता चौधरी, रमेश चंद, सिमरन और महाबीर सिंह शामिल थे। डॉक्टरों का कहना है कि गाय को ऑपरेशन के बाद सात दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा ताकि उसकी सेहत में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।


संदेह के बाद सर्जरी

यह गाय कलरूही निवासी विपिन कुमार और अन्य स्थानीय लोगों द्वारा अस्पताल लाई गई थी। पिछले चार से पांच दिनों से उसने खाना और पानी लेना बंद कर दिया था। प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों को संदेह हुआ और उन्होंने तुरंत रक्त जांच और अन्य परीक्षण किए, जिसके बाद सर्जरी का निर्णय लिया गया।


जनता से अपील

सर्जरी की सफलता के बाद, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र पटियाल ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि चिकित्सा विज्ञान की दक्षता का एक उदाहरण है और लोगों को चेतावनी दी कि वे प्लास्टिक और अन्य हानिकारक वस्तुएं खुले में न फेंकें। उन्होंने जनता से अपील की कि कचरे का सही निस्तारण करें ताकि पशुओं और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं

डॉ. पटियाल ने बताया कि इस जोनल पशु चिकित्सालय में चार विशेषज्ञ डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं और यह तीन जिलों का रेफरल अस्पताल है। अब तक यहां 53 बड़े डायफ्रामेटिक हर्निया जैसी जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं। इस अस्पताल में पशुओं के लिए रक्त जांच, अल्ट्रासाउंड और शल्य चिकित्सा जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे यह क्षेत्र में बड़े पशुओं के उपचार का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।