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गुंटूर के दिव्यांग को मिला नया हाइड्रोलिक कृत्रिम घुटना, जीवन में आई नई उम्मीद

गुंटूर के दिव्यांग नागेश्वर राव को एक नई तकनीक के तहत हाइड्रोलिक कृत्रिम घुटना प्रदान किया गया है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ है। सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की पहल ने उन्हें आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ जीने का एक नया अवसर दिया है। यह कदम न केवल नागेश्वर के लिए, बल्कि अन्य दिव्यांगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। जानें इस पहल के बारे में और कैसे यह तकनीक जीवन को बेहतर बना सकती है।
 

नई तकनीक से मिली आत्मनिर्भरता

गुंटूर के एक दिव्यांग व्यक्ति, जो एक दुर्घटना में अपना पैर खो चुके थे, के लिए जीवन में नई उम्मीद की किरण जगी है। राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की एक सराहनीय पहल के तहत, उन्हें एक अत्याधुनिक हाइड्रोलिक कृत्रिम घुटना प्रदान किया गया है। इस उपकरण की सहायता से वे अब लगभग सामान्य तरीके से चलने-फिरने में सक्षम होंगे।
मंगलागिरी के निवासी जी. नागेश्वर राव को यह महत्वपूर्ण उपकरण सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के अंतर्गत दिया गया है। इस हाइड्रोलिक घुटने की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है और यह पारंपरिक कृत्रिम पैरों की तुलना में अधिक प्राकृतिक गति प्रदान करता है। इसके माध्यम से चलना, दौड़ना और सीढ़ियां चढ़ना काफी सरल हो गया है।
सोमवार को गुंटूर के सरकारी सामान्य अस्पताल (GGH) में आयोजित एक समारोह में, अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पी. अशोक कुमार ने यह कृत्रिम घुटना नागेश्वर राव को सौंपा। डॉ. अशोक कुमार ने सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की इस मानवीय पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि सांसद ने पहले अस्पताल का दौरा करते समय दिव्यांगों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा किया है।
यह पहल केवल एक व्यक्ति की सहायता नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे सही तकनीक और सरकारी योजनाओं का समन्वय किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकता है। नागेश्वर राव के लिए यह हाइड्रोलिक घुटना केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ जीने की एक नई शुरुआत है।