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गुरु-आदित्य योग: मिथुन राशि में सूर्य और गुरु का मिलन और इसके प्रभाव

15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां गुरु बृहस्पति पहले से मौजूद हैं। इस मिलन को गुरु-आदित्य योग कहा जाता है, जो 12 साल बाद बन रहा है। यह योग करियर में प्रगति, व्यापार में वृद्धि और रिश्तों में सुख-शांति लाने का संकेत देता है। जानें इस योग का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 

गुरु-आदित्य योग का महत्व

गुरु-आदित्य योग: 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही गुरु बृहस्पति उपस्थित हैं। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य और गुरु एक साथ मिथुन राशि में होते हैं, तो इसे गुरु-आदित्य योग कहा जाता है। यह योग अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य और गुरु दोनों मित्र ग्रह हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आदित्य भगवान सूर्य का एक शुभ नाम है।


करियर और नौकरी पर प्रभाव

गुरु-आदित्य योग के बनने से करियर में महत्वपूर्ण प्रगति की संभावना है। नौकरीपेशा लोगों को अपने कार्य में सफलता और पदोन्नति मिलने की उम्मीद है। सहकर्मी और अधिकारी आपकी मेहनत की सराहना करेंगे। नई जिम्मेदारियों का मिलना और नौकरी में स्थिरता भी संभव है। यदि आप किसी प्रतियोगिता या परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस योग का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।


व्यापार और वाणिज्य पर असर

व्यापार में गुरु-आदित्य योग से वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। नए व्यापारिक अवसर सामने आएंगे और पुराने विवाद समाप्त होंगे। निवेश के लिए यह समय अनुकूल रहेगा और मुनाफा बढ़ने की संभावना है। ग्राहकों और भागीदारों के साथ संबंध मजबूत होंगे, जिससे व्यापार में विश्वास और मजबूती आएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होने से बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करना भी संभव होगा।


रिश्तों और विवाहित जीवन पर प्रभाव

गुरु-आदित्य योग से रिश्तों और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। विवाहित जीवन में आपसी समझ और सम्मान बढ़ेगा, जिससे विवाद कम होंगे। साथी के साथ तालमेल बेहतर होगा और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने में मदद मिलेगी। नए रिश्तों के बनने की संभावना भी है, खासकर प्रेम संबंधों में सकारात्मकता और स्थिरता आएगी। यह योग पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि का संकेत देता है।