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गुरु गोचर 2025: जानें किन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ

गुरु गोचर 2025, जो 13 अगस्त को शुरू होगा, सभी राशियों पर प्रभाव डालेगा। यह गोचर 18 जून 2026 तक चलेगा और कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा। जानें मेष, मिथुन, तुला, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए इस गोचर का क्या महत्व है। यह समय व्यक्तिगत विकास, साझेदारियों और करियर में नई संभावनाओं का संकेत देता है। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि किन राशियों को इस गोचर से अधिक लाभ होगा और कैसे यह आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है।
 

गुरु गोचर 2025

गुरु गोचर 2025: 13 अगस्त 2025 को सुबह 5:44 बजे गुरु ग्रह मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर करेंगे। यह गोचर 18 जून 2026 तक जारी रहेगा, जो लगभग 10 महीने की अवधि है। वैदिक ज्योतिष में गुरु को एक शुभ ग्रह माना जाता है, जो ज्ञान, समृद्धि और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी भी गुरु है, जो सकारात्मकता, पुनर्जन्म और बौद्धिक विकास का प्रतिनिधित्व करता है। इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों को विशेष लाभ होगा। आइए जानते हैं कि कौन सी राशियाँ इस गोचर से अधिक लाभान्वित होंगी?


मेष राशि

मेष राशि


मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर तीसरे भाव में होगा। तीसरा भाव साहस, संचार और छोटी यात्राओं का प्रतीक है। पुनर्वसु नक्षत्र की ऊर्जा आपकी बौद्धिक क्षमता और रचनात्मकता को बढ़ाएगी। इस दौरान लेखन, मार्केटिंग या डिजिटल क्षेत्र में सफलता की संभावना है। भाई-बहनों के साथ संबंध मजबूत होंगे और छोटी यात्राएं लाभकारी साबित होंगी। गुरु की दृष्टि सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव पर पड़ेगी, जिससे वैवाहिक जीवन, भाग्य और आय के नए स्रोत बनेंगे। इसके साथ ही करियर में नई शुरुआत देखने को मिलेगी। संचार कौशल में सुधार होगा और आर्थिक लाभ की संभावना है।


मिथुन राशि

मिथुन राशि


मिथुन राशि के लिए गुरु का गोचर पहले भाव को प्रभावित करेगा। पुनर्वसु नक्षत्र का प्रभाव आपकी व्यक्तिगत वृद्धि और आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। यह समय आपके व्यक्तित्व को निखारने और नए अवसरों को अपनाने का है। गुरु की दृष्टि पांचवें, सातवें और नौवें भाव पर होगी, जिससे शिक्षा, प्रेम और भाग्य में सकारात्मक बदलाव आएंगे। इस दौरान नई साझेदारियों और व्यापारिक सफलता की संभावना है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और करियर में उन्नति देखने को मिल सकती है। रिश्तों में भी सामंजस्य बना रहेगा।


तुला राशि

तुला राशि


तुला राशि के लिए गुरु का गोचर नवम भाव को प्रभावित करेगा। यह भाव भाग्य, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। पुनर्वसु नक्षत्र की सकारात्मक ऊर्जा आपको धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों की ओर ले जाएगी। इस दौरान आप तीर्थयात्रा की योजना बना सकते हैं। गुरु की दृष्टि पहले, तीसरे और पांचवें भाव पर होगी, जिससे व्यक्तित्व, साहस और रचनात्मकता में वृद्धि होगी। यह समय विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के लिए भी अनुकूल है। भाग्य का साथ मिलेगा और शिक्षा में सफलता प्राप्त होगी। समाज में मान-सम्मान भी बढ़ेगा।


धनु राशि

धनु राशि


धनु राशि गुरु की अपनी राशि है और इस गोचर में गुरु आपके सातवें भाव को प्रभावित करेगा। सातवां भाव साझेदारी, विवाह और व्यापार का प्रतीक है। पुनर्वसु नक्षत्र की ऊर्जा आपकी साझेदारियों को मजबूत करेगी। वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य बढ़ेगा। गुरु की दृष्टि पहले, तीसरे और ग्यारहवें भाव पर होगी, जिससे व्यक्तिगत विकास, साहस और आय में वृद्धि होगी। व्यापार में नए अवसर मिल सकते हैं। इस दौरान आपको वैवाहिक सुख, व्यापार में वृद्धि और सामाजिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।


मीन राशि

मीन राशि


मीन राशि भी गुरु की अपनी राशि है और यह गोचर चौथे भाव को प्रभावित करेगा। चौथा भाव घर, माता और सुख-सुविधाओं का प्रतीक है। पुनर्वसु नक्षत्र की शक्ति आपके पारिवारिक जीवन को सुखमय बनाएगी। इस दौरान संपत्ति खरीदने या घर सजाने के लिए अच्छा समय है। गुरु की दृष्टि आठवें, दसवें और बारहवें भाव पर होगी, जिससे करियर में स्थिरता और आध्यात्मिक विकास होगा। पारिवारिक सुख मिलने की संभावना है और संपत्ति में भी वृद्धि होगी। करियर में स्थिरता देखने को मिलेगी।


महत्वपूर्ण सूचना

महत्वपूर्ण सूचना: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल सूचना के लिए प्रस्तुत की गई है।