गुरुवार का व्रत: जानें किन गलतियों से बचें और कैसे करें पूजा
गुरुवार का महत्व और पूजा विधि
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह दिन ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह और भाग्य का प्रतीक है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है, साथ ही गुरु ग्रह की शक्ति भी बढ़ती है।
हालांकि, कई बार लोग अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर देते हैं, जो उनके भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। मान्यता है कि गुरुवार के व्रत के दौरान कुछ कार्यों से दूर रहना आवश्यक है, अन्यथा भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति नाराज हो सकते हैं।
गुरुवार को किन कार्यों से बचें
केले के पेड़ की पूजा का महत्व
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु का निवास माना जाता है।
इस दिन केले के पेड़ को काटना या नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।
बाल, नाखून और कपड़े धोने से बचें।
गुरुवार को ये कार्य करने से धन और समृद्धि में कमी आ सकती है।
बाल धोना या कटवाना मना है, क्योंकि इसे संतान और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जाता है।
नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है।
कपड़े धोने से भी बचना चाहिए।
धन का लेन-देन न करें।
गुरुवार को उधार देना या लेना दोनों ही अशुभ माने जाते हैं।
उधार देने से गुरु ग्रह कमजोर होता है, जिससे आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
उधार लेने से कर्ज चुकाने में कठिनाई आती है, इसलिए इस दिन आर्थिक लेन-देन से बचना चाहिए।
पीली वस्तुओं का अपमान न करें।
पीला रंग देव गुरु बृहस्पति का प्रिय रंग है और यह सौभाग्य का प्रतीक है।
हल्दी, केसर जैसी पीली वस्तुओं का निरादर न करें।
पूजा में पीले वस्त्र, पीले फूल और पीली मिठाई का उपयोग अवश्य करें।
धार्मिक मान्यताएँ
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, Media House इसकी पुष्टि नहीं करता.