×

पितृ दोष: पहचान और निवारण के उपाय

पितृ दोष व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इस लेख में, हम पितृ दोष के संकेतों की पहचान और इससे मुक्ति के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
 

पितृ दोष की पहचान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि पितृ संतुष्ट नहीं हैं, तो व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पितृ दोष के संकेत भी दिखाई देने लगते हैं। यदि आप इनमें से कोई लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है। इसलिए, यह जानना आवश्यक है कि पितृ दोष की पहचान कैसे करें और इससे छुटकारा पाने के लिए क्या उपाय करें।


पितृ दोष के संकेत

संकेतों की सूची:


- परिवार में किसी न किसी सदस्य का लगातार बीमार रहना।


- घर में बिना कारण के झगड़े होना।


- व्यापार में लगातार नुकसान या आर्थिक संकट का सामना करना।


- अचानक घर में पीपल का पौधा उग आना।


- विवाह में बाधाएं आना।


- परिवार में दुर्घटनाओं की घटनाएं होना।


- संतान प्राप्ति में रुकावट आना।


पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

यह माना जाता है कि पितृ दोष से प्रभावित व्यक्ति को अपने पितरों की शांति के लिए विधिपूर्वक तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए। यह उपाय पितृ दोष निवारण के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, ब्राह्मणों को भोजन कराना और घर में श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ कराना भी लाभकारी होता है।


भगवान शिव की उपासना

भगवान शिव की नियमित उपासना भी स्थिति में सुधार ला सकती है। इसके लिए प्रतिदिन जल में थोड़ा गंगाजल और काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके साथ ही, पितृ दोष से मुक्ति के लिए लगातार 21 सोमवार तक गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है। इससे पितृ दोष के प्रभाव में कमी आ सकती है।


विशेष उपाय

दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है, इसलिए घर में इस दिशा में पितरों की तस्वीर स्थापित करना चाहिए। प्रतिदिन इस दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है। साथ ही, जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य देना भी लाभकारी है। आप चाहें तो पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी तस्वीर के सामने धूप, अगरबत्ती और फूलमाला अर्पित कर सकते हैं। इन उपायों से पितृ दोष में राहत मिलने की मान्यता है।