पुत्रदा एकादशी: संतान सुख और समृद्धि के लिए विशेष व्रत
पुत्रदा एकादशी का महत्व
नई दिल्ली: पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो पौष मास के शुक्ल पक्ष में आता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे 30 दिसंबर 2025 को मनाया जाएगा, जो इस वर्ष का अंतिम एकादशी व्रत होगा। 'पुत्रदा' नाम से ही स्पष्ट है कि यह व्रत संतान और पारिवारिक सुख के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
माताओं का विशेष व्रत
इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, सफलता और कल्याण के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत उन दंपत्तियों के लिए भी लाभकारी माना जाता है, जो संतान की इच्छा रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति से घर में शांति और समृद्धि आती है।
संतान प्राप्ति के उपाय
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु को पीले रंग की वस्तुएं चढ़ाना चाहिए। भक्तों को पीले कपड़े, पीले फूल, चंदन, केसर और मखाने की खीर अर्पित करनी चाहिए। पूजा के बाद, भक्तों को संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है, जिससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धन और समृद्धि के उपाय
धन, सुख और समृद्धि के उपाय
जो लोग धन और समृद्धि की कामना करते हैं, उन्हें इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाना चाहिए। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और उन्हें प्रसन्न करती है। हालांकि, एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ना मना है, इसलिए इन्हें एक दिन पहले तोड़कर सुरक्षित रखना चाहिए।
मनोकामना पूर्ति के उपाय
मनोकामना पूरी करने के लिए उपाय
मनोकामना पूर्ति के लिए भक्तों को इस दिन भगवान विष्णु को केला चढ़ाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, केला चढ़ाने से बाधाएं दूर होती हैं और घर में खुशियां आती हैं। इसके साथ ही, पंचामृत का अर्पण भी शुभ माना जाता है, जिसमें तुलसी का पत्ता शामिल होना चाहिए।