रोमन कैलेंडर की अनोखी कहानी: कैसे बदला महीनों का नामकरण?
रोमन कैलेंडर का इतिहास
Year Ender 2025: नया साल नजदीक है और 1 जनवरी 2026 से कैलेंडर फिर से बदल जाएगा। हम सभी जनवरी को साल की शुरुआत मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कैलेंडर हमेशा ऐसा नहीं था? प्राचीन रोमन कैलेंडर में वर्ष मार्च से शुरू होता था और जनवरी-फरवरी जैसे महीने अस्तित्व में नहीं थे।
बाद में कई बदलाव हुए और महीनों के नाम भी बदले गए। कुछ नाम देवताओं के नाम पर रखे गए, जबकि कुछ केवल संख्याओं पर आधारित थे। आइए जानते हैं इन महीनों के नामों की दिलचस्प कहानी।
प्राचीन रोमन कैलेंडर की शुरुआत
सबसे प्राचीन रोमन कैलेंडर रोमुलस का माना जाता है, जिसमें केवल 10 महीने थे। यह वर्ष मार्च से शुरू होता था और दिसंबर पर समाप्त होता था। जनवरी और फरवरी जैसे महीने बाद में जोड़े गए। उस समय मार्च को पहला महीना माना जाता था क्योंकि वसंत का आगमन होता था और युद्ध के लिए मौसम अनुकूल होता था। रोम के लोग युद्ध के देवता मार्स को बहुत मानते थे।
पहले चार महीनों के नाम देवताओं से जुड़े
- मार्च (मार्टियस): युद्ध के देवता मार्स के नाम पर। रोमनों के लिए यह नई शुरुआत और सैन्य अभियानों का महीना था।
- अप्रैल (अप्रिलिस): यह नाम लैटिन शब्द 'अपेरिरे' से आया है, जिसका अर्थ 'खुलना' या 'खिलना' है। इस समय फूल और पेड़ खिलते थे।
- मई (माईयस): उर्वरता की देवी माया के नाम पर। माया को पृथ्वी और विकास की देवी माना जाता था।
- जून (जूनियस): देवी जूनो के नाम पर। जूनो विवाह, परिवार और महिलाओं की रक्षक थीं।
संख्यात्मक महीनों का नामकरण
पुराने कैलेंडर में मार्च से गिनती शुरू होती थी, इसलिए बाद के महीनों के नाम केवल संख्याओं पर आधारित थे:
- जुलाई (पहले क्विंटिलिस): यह पांचवां महीना था (क्विंटस = पांच) और बाद में इसे जूलियस सीजर के नाम पर रखा गया।
- अगस्त (पहले सेक्सटिलिस): यह छठा महीना था (सेक्सटस = छह) और इसे सम्राट ऑगस्टस के सम्मान में नाम बदला गया।
- सितंबर: यह सातवां महीना है (सेप्टेम = सात)
- अक्टूबर: यह आठवां महीना है (ऑक्टो = आठ)
- नवंबर: यह नौवां महीना है (नोवेम = नौ)
- दिसंबर: यह दसवां महीना है (डिसेम = दस)
आज भी इन महीनों के नाम संख्याओं पर आधारित हैं, लेकिन गिनती दो महीने पीछे खिसक गई है।
जनवरी और फरवरी का नामकरण
दूसरे रोमन राजा नूमा पोंपिलियस ने कैलेंडर में सुधार किया और दो नए महीने जोड़े:
- जनवरी (जनुअरियस): यह द्वारों के देवता जेनस के नाम पर है। जेनस का चेहरा दो तरफ होता था, एक अतीत की ओर और दूसरा भविष्य की ओर। इसलिए इसे साल का पहला महीना बनाया गया।
- फरवरी (फेब्रुअरियस): यह नाम शुद्धिकरण के त्योहार फेब्रुआ से लिया गया है। इस महीने लोग आत्मा और घर की सफाई के अनुष्ठान करते थे।
इन परिवर्तनों के बाद साल 12 महीनों का हो गया और जनवरी से शुरू होने लगा। जूलियस सीजर ने आगे सुधार किए और आज का ग्रेगोरियन कैलेंडर उसी का संशोधित रूप है।