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शुक्रवार को देवी लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा का महत्व

शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन विशेष व्रत और मंत्र जाप से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। जानें इस दिन की पूजा विधि, मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व, और संतोषी माता की आराधना के बारे में।
 

शुक्रवार का धार्मिक महत्व


हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और संतोषी माता को समर्पित है। इस दिन विशेष पूजा, व्रत और मंत्र जाप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शुक्रवार को की गई पूजा से परिवार में सौभाग्य में वृद्धि होती है और मानसिक संतोष की प्राप्ति होती है।


व्रत और पूजा की विधि

शुक्रवार का दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि व्रत और पुण्य अर्जित करने का भी होता है। इस दिन कई लोग सफेद या गुलाबी फूल, मिठाई और धूप-दीपक से देवी की आराधना करते हैं। विशेष मंत्रों का जाप करने से धन, वैभव और प्रेम की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, शुक्र ग्रह की शांति के लिए भी यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।


मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व

मां लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है। शुक्रवार को उनकी पूजा करने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।


संतोषी माता की आराधना

संतोषी माता की पूजा व्रत और हवन के साथ की जाती है। इस दिन चने की दाल और मीठे प्रसाद को उनके सामने अर्पित किया जाता है, जिससे मानसिक संतोष और इच्छाओं की पूर्ति होती है।


शुक्रवार व्रत के नियम

शुक्रवार के व्रत में खट्टा और निषिद्ध भोजन नहीं किया जाता है। सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन घर और मंदिर को साफ-सुथरा रखना चाहिए, दीपक और धूपक जलाकर देवी की आराधना करनी चाहिए, और ध्यान व भक्ति भाव से मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।


शुभ मंत्र और पूजा विधि

'ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' और 'जय संतोषी माता' के मंत्र का जाप करने से धन, वैभव और मानसिक शांति प्राप्त होती है। देवी को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।