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सावन 2025: धार्मिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय महत्व

सावन 2025 का महीना न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस लेख में जानें सावन के दौरान भगवान शिव की पूजा का महत्व, स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव और मौसम का मन पर असर। सावन के महीने में उपवास और साधना से कैसे जीवन में शांति और सुख प्राप्त किया जा सकता है।
 

सावन का महीना और उसकी विशेषताएँ

Sawan 2025: सावन का महीना आते ही देशभर में भोलेनाथ की भक्ति की लहर दौड़ने लगती है। लोग व्रत रखते हैं, मंदिरों में घंटियों की गूंज होती है और चारों ओर हरियाली छा जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सावन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी कितना महत्वपूर्ण है?


ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ज्योतिष के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव के लिए विशेष होता है। यह चंद्र कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास कहलाता है। इस दौरान चंद्रमा की स्थिति महत्वपूर्ण होती है, जिससे मन को शांत और एकाग्र करने वाली शक्तियाँ सक्रिय होती हैं।


कहा जाता है कि इस महीने में शिव जी की पूजा करने से जल्दी फल प्राप्त होता है और जीवन में शांति आती है। विशेषकर सोमवार को व्रत और पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।


सावन और भगवान शिव का संबंध

पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय विष सबसे पहले निकला था, जिसे भगवान शिव ने पीकर दुनिया को बचाया। इसी कारण से माना जाता है कि सावन में शिव जी की पूजा करने से जीवन के सभी दुख और परेशानियाँ दूर हो सकती हैं।


सावन और स्वास्थ्य

विज्ञान की दृष्टि


सावन का महीना बारिश के मौसम में आता है, जब हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कम हो जाती है। इस समय उपवास करना शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।


इसके साथ ही, फल और हल्का खाना खाने की परंपरा हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। यही कारण है कि लोग इस महीने में सादा भोजन करते हैं और प्याज-लहसुन तथा मांसाहार से दूर रहते हैं।


मौसम का मन पर प्रभाव

सावन का माहौल


सावन के महीने में वातावरण ठंडा और हरियाली से भरा होता है, जो मन को शांति और सुकून प्रदान करता है। इस समय पूजा, ध्यान और मंत्र जाप करने से मानसिक तनाव कम होता है।