सूर्यास्त के बाद किन कार्यों से बचें: वास्तु शास्त्र की महत्वपूर्ण सलाह
सूर्यास्त के बाद के कार्यों पर वास्तु शास्त्र की दृष्टि
नई दिल्ली: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में जीवन को संतुलित और सुखद बनाने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। ये नियम न केवल घर की वस्तुओं और पौधों की दिशा पर ध्यान देते हैं, बल्कि सुबह और शाम के कार्यों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। मान्यता है कि कुछ कार्य सूर्यास्त के बाद करना अशुभ होता है, जिससे देवी लक्ष्मी के नाराज होने का डर रहता है।
वास्तु और परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, दिन और रात के बीच ऊर्जा का प्रवाह बदलता है। इसलिए सूर्यास्त के समय कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि घर में सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहे। आइए जानते हैं सूर्यास्त के बाद किन कार्यों से बचना चाहिए।
हल्दी का आदान-प्रदान न करें
हल्दी को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। परंपरा के अनुसार, सूर्यास्त के बाद हल्दी देने से घर की शुभ ऊर्जा कम होती है और देवी लक्ष्मी के अप्रसन्न होने का खतरा रहता है। इसलिए शाम के समय हल्दी या इससे जुड़ी वस्तुएं देने से बचना चाहिए।
झाड़ू लगाने से बचें
वास्तु शास्त्र में झाड़ू को धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। शाम के समय झाड़ू लगाने से धन की हानि हो सकती है और सकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है। इसलिए सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने या सफाई करने से बचने की सलाह दी जाती है।
सफेद वस्तुओं का आदान-प्रदान न करें
दूध, दही, चावल और चीनी जैसी सफेद वस्तुएं शांति और चंद्र ऊर्जा से जुड़ी होती हैं। मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद इनका आदान-प्रदान करने से भाग्य प्रभावित होता है और आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए रात के समय सफेद वस्तुओं का आदान-प्रदान न करना शुभ माना जाता है।
कपड़े धोना या सुखाना अशुभ माना जाता है
वास्तु के अनुसार, सूर्यास्त के बाद कपड़े धोना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और सौभाग्य में कमी लाता है। रात में कपड़े बाहर सुखाने से नकारात्मक ऊर्जा और कीट-पतंगों का आकर्षण बढ़ सकता है, इसलिए इसे अशुभ माना गया है।
शाम के समय दही का सेवन न करें
दही को चंद्रमा और शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है। मान्यता के अनुसार, सूर्य और शुक्र के बीच अनुकूलता न होने के कारण सूर्यास्त के बाद दही खाना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए शाम के समय दही के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
धार्मिक मान्यताओं का ध्यान रखें
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता।