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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोरारी बापू और मोदी सरकार पर उठाए सवाल

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में मोरारी बापू पर तीखा हमला किया, जब उन्होंने पत्नी की मृत्यु के तीन दिन बाद राम कथा सुनाई। इसके साथ ही, उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि भारत अब भी उसी स्थिति में है। उन्होंने मालदीव के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जताई। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के विचार।
 

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कथावाचक मोरारी बापू पर तीखा हमला किया है। पत्नी की मृत्यु के तीन दिन बाद राम कथा सुनाने काशी पहुंचे मोरारी बापू को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया, जिसके बाद उन्होंने माफी मांगी। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'मोरारी बापू सिंदूर कथा का जिक्र कर रहे हैं। वह सिंदूर शब्द का उपयोग कर रहे हैं, जबकि जिस व्यक्ति की मांग में सिंदूर था, उसकी मृत्यु हाल ही में हुई है। उन्हें कम से कम 10 दिन का इंतजार करना चाहिए था और इस परंपरा का सम्मान करना चाहिए था।'


मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए

अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 11 साल बाद भी भारत उसी स्थिति में है। उन्होंने कहा, 'जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने पड़ोसी देशों को आमंत्रित किया था। ऐसा लगा था कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर एक बड़ी शक्ति बनेगा, लेकिन अब भी हम वहीं खड़े हैं।'


मालदीव की चुनौती

‘मालदीव जैसा देश भी भारत को चुनौती दे रहा है’

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'मालदीव, जो हमेशा से भारत का करीबी मित्र रहा है, अब भारत को चुनौती देने लगा है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। अगर हम अपने बारे में कहते हैं कि हम वीर हैं, तो यह हास्यास्पद है।'


विदेश नीति की कमजोरी

विदेश नीति में बहुत बड़ी कमजोरी है- अविमुक्तेश्वरानंद

न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'सच्चाई यह है कि हमारी विदेश नीति में बहुत बड़ी कमी है। क्या सिंदूर की बात करने वालों को इसका कोई सम्मान है?' उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'जिस महिला की मांग में आपने सिंदूर लगाया, उसके साथ आपने कैसा व्यवहार किया? क्या यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि जब आप अपने चुनावी घोषणापत्र में लिखते हैं कि वह मेरी पत्नी है, तो आप उससे उसकी पत्नी का दर्जा कैसे छीन सकते हैं?'