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हरियाणा के किसानों के लिए नई मुआवजा नीति: बिजली लाइनों के लिए मिलेगा बड़ा मुआवजा

हरियाणा के किसानों के लिए एक नई मुआवजा नीति की घोषणा की गई है, जिसके तहत उन्हें बिजली की हाई टेंशन लाइनों और ट्रांसमिशन टावरों के लिए उचित मुआवजा मिलेगा। यह नीति किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करने के साथ-साथ बिजली कंपनियों और किसानों के बीच के विवादों को समाप्त करने में मदद करेगी। जानें इस नीति की विशेषताएँ और इसके लाभ।
 

हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी

हरियाणा के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। यदि उनकी भूमि पर उच्च वोल्टेज की बिजली लाइनें या ट्रांसमिशन टावर स्थापित हैं, तो उन्हें अब उचित मुआवजा प्राप्त होगा।


राज्य सरकार ने गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत 11 नगर निगम क्षेत्रों में भूमि मालिकों को उनकी भूमि की कीमत का 60% मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यह नई नीति न केवल किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि बिजली कंपनियों और किसानों के बीच लंबे समय से चल रहे विवादों को भी समाप्त करेगी। आइए, इस नई मुआवजा नीति की विशेषताओं पर नजर डालते हैं।


मुआवजे की दरें और विशेषताएँ

इस नीति के अंतर्गत मुआवजे की दरें क्षेत्र के अनुसार भिन्न होंगी। नगर पालिका और नगर परिषद क्षेत्रों में भूमि की कीमत का 45% और ग्रामीण क्षेत्रों में 30% मुआवजा दिया जाएगा। यह राशि भूमि के सर्किल रेट या कलेक्टर रेट के आधार पर निर्धारित की जाएगी।


यदि बाजार मूल्य सर्किल रेट से अधिक है, तो जिला स्तर पर गठित समिति मुआवजे की गणना करेगी। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। विशेष बात यह है कि ट्रांसमिशन टावरों के लिए अब भूमि की कीमत का 200% मुआवजा मिलेगा, जो पहले केवल 100% था।


किसानों के लिए लाभकारी बदलाव

यह नीति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि किसानों को बिना भूमि अधिग्रहण के मुआवजा दिया जाएगा। पहले राइट ऑफ वे कॉरिडोर के तहत मुआवजा नहीं मिलता था, लेकिन अब ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर के लिए भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है।


यह बदलाव किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और बिजली कंपनियों के साथ विवाद समाप्त होंगे। यह नीति हरियाणा के किसानों के लिए राहत लेकर आई है और उनकी मेहनत और भूमि की कीमत को भी मान्यता दे रही है।


सरकार की प्रतिबद्धता

हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह नीति न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि बिजली परियोजनाओं को भी तेजी से लागू करने में मदद करेगी। किसानों को अब अपनी भूमि के लिए उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक चिंताएं कम होंगी और वे अपने भविष्य को और बेहतर बना सकेंगे।