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10 वर्षीय बोधना शिवानंदन बनीं सबसे कम उम्र की महिला इंटरनेशनल मास्टर

भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक बोधना शिवानंदन ने मात्र 10 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्होंने 2025 ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप में 60 वर्षीय ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर सबसे कम उम्र की महिला इंटरनेशनल मास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया। इस जीत ने उन्हें ग्रैंडमास्टर के खिताब के करीब पहुंचा दिया है। जानें उनके प्रेरणादायक सफर के बारे में।
 

बोधना शिवानंदन की ऐतिहासिक जीत

Bodhana Shivanandan: भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक बोधना शिवानंदन ने केवल 10 वर्ष की आयु में शतरंज की दुनिया में एक नया मुकाम हासिल किया है। उन्होंने 2025 ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप के फाइनल में 60 वर्षीय अनुभवी ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला इंटरनेशनल मास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया। इस जीत के साथ, बोधना ने न केवल इतिहास रचा, बल्कि ग्रैंडमास्टर के खिताब के करीब पहुंच गई हैं।


हैरो की इस युवा शतरंज प्रतिभा ने अपनी बुद्धिमत्ता और रणनीतिक कौशल से सभी को चकित कर दिया। जब बोधना ने ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराया, तो कमेंटेटर ने आश्चर्यचकित होकर कहा, 'यह लड़की निश्चित रूप से कोई जादूगरनी है, आखिर उसने यह जीत कैसे पाई।' बोधना की यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने अमेरिकी खिलाड़ी कैरिसा यिप का 2019 का रिकॉर्ड तोड़ा, जो 10 साल, छह महीने की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनी थीं। बोधना ने यह खिताब 10 साल, पांच महीने और तीन दिन की उम्र में अपने नाम किया।




चेस ओलंपियाड में बोधना का प्रदर्शन


बोधना की उपलब्धियों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती। पिछले वर्ष 2024 में, उन्होंने हंगरी में आयोजित चेस ओलंपियाड में इंग्लैंड की महिला टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए एक और रिकॉर्ड बनाया। वह किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।


बोधना का यह सफर प्रेरणादायक है। इतनी कम उम्र में, वह न केवल अपने से अधिक अनुभवी खिलाड़ियों को चुनौती दे रही हैं, बल्कि अपने शांत और आत्मविश्वास भरे खेल से दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों का दिल भी जीत रही हैं। शतरंज की दुनिया में बोधना शिवानंदन का नाम अब एक उभरते सितारे के रूप में गूंज रहा है।