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अनुपमा आर्य के काव्य संग्रह का विमोचन, अनिल विज ने दी समाज सुधार की प्रेरणा

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने अंबाला में कवित्री अनुपमा आर्य के काव्य संग्रह 'रंगरेज मेरे अल्फाजों के' का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने साहित्यकारों की समाज सुधार में भूमिका पर जोर दिया और कहा कि बदलाव जनता के प्रयासों से ही संभव है। विज ने सकारात्मक सोच और अच्छे कार्यों की सराहना की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कई कवियों ने अनुपमा के काव्य संग्रह की प्रशंसा की।
 

समाज सुधार में साहित्यकारों की भूमिका

चंडीगढ़: हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा है कि समाज में सुधार लाने में साहित्यकारों का योगदान महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि किसी भी सरकार के नियम समाज को नहीं बदल सकते, बल्कि यह बदलाव जनता के प्रयासों से ही संभव है। विज ने साहित्यकारों से आग्रह किया कि वे आगे आकर लोगों को सही दिशा दिखाएं।


विज ने यह भी कहा कि ईंट और सीमेंट से शहर नहीं बनते, बल्कि सामाजिक ताने-बाने का होना आवश्यक है। मनुष्य जन्म से बनता है, लेकिन इंसान बनने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है। यह बातें उन्होंने अंबाला छावनी में सेंट्रल फीनिक्स क्लब में कवित्री अनुपमा आर्य के काव्य संग्रह ‘रंगरेज मेरे अल्फाजों के’ के विमोचन के दौरान कहीं।


उन्होंने अनुपमा आर्य के काव्य संग्रह की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज में सकारात्मक सोच का संचार करता है। विज ने बताया कि कविता वही लिख सकता है जिसमें गहरी भावनाएं होती हैं, क्योंकि भावनाविहीन व्यक्ति कविता नहीं लिख सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे कार्यों की सराहना होनी चाहिए, क्योंकि इससे सकारात्मकता और ऊर्जा मिलती है। इस अवसर पर कवित्री अनुपमा आर्य ने अपनी पुस्तक के बारे में जानकारी दी और कई कवियों ने भी काव्य संग्रह की प्रशंसा की। कार्यक्रम में शायर बिलाल सहारनपुरी ने भी अनिल विज पर कविता प्रस्तुत की।