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आज के पेट्रोल और डीजल के दाम: 20 सितंबर 2025 के ताजा अपडेट

आज, 20 सितंबर 2025 को, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव किया गया है। जानें प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतें और यह कैसे तय होती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू नीतियों का इन कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
 

पेट्रोल और डीजल की कीमतें आज

पेट्रोल और डीजल की कीमतें आज: वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और घरेलू कर नीतियों का सीधा प्रभाव भारत में ईंधन की खुदरा कीमतों पर पड़ता है। हर दिन सुबह 6 बजे देशभर में ईंधन की कीमतों में संशोधन किया जाता है, जिसे डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम कहा जाता है। आज, 20 सितंबर 2025 को, देशभर में डीजल और पेट्रोल के दामों में बदलाव किया गया है।


इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के अनुसार, प्रमुख शहरों में डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:



  • दिल्ली: ₹87.67 प्रति लीटर

  • मुंबई: ₹90.03 प्रति लीटर

  • चेन्नई: ₹92.39 प्रति लीटर (0.14% की गिरावट)

  • अहमदाबाद: ₹90.16 प्रति लीटर

  • चंडीगढ़: ₹82.45 प्रति लीटर

  • बेंगलुरु: ₹90.99 प्रति लीटर


अन्य शहरों जैसे अनंतपुर, कडप्पा और कुर्नूल में भी मामूली बदलाव देखने को मिला। अनंतपुर में डीजल की कीमत ₹97.56 प्रति लीटर, चित्तूर में ₹98.22 और कुर्नूल में ₹97.33 प्रति लीटर रही।


भारतीय महानगरों में पेट्रोल के दाम

आज के ताजा अपडेट के अनुसार, पेट्रोल की कीमतें इस प्रकार हैं:



  • दिल्ली: ₹94.77 प्रति लीटर

  • मुंबई: ₹103.50 प्रति लीटर

  • चेन्नई: ₹100.80 प्रति लीटर (-0.13%)

  • बेंगलुरु: ₹102.92 प्रति लीटर

  • पटना: ₹105.73 प्रति लीटर (-0.36%)

  • जयपुर: ₹105.40 प्रति लीटर (+0.65%)

  • हैदराबाद: ₹107.46 प्रति लीटर

  • चंडीगढ़: ₹94.30 प्रति लीटर


डीजल और पेट्रोल के दाम कैसे तय होते हैं?

भारत में ईंधन की कीमतें तय करने की प्रक्रिया जटिल है और इसमें कई कारक शामिल होते हैं:


1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें: ये वैश्विक मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती हैं।
2. रुपया-डॉलर विनिमय दर: कच्चे तेल का व्यापार डॉलर में होता है।
3. रिफाइनिंग और ऑपरेशनल खर्चे: कच्चे तेल को डीजल और पेट्रोल में परिवर्तित करने की लागत।
4. लॉजिस्टिक्स और वितरण लागत: ईंधन को डिपो से पेट्रोल पंप तक पहुंचाने का खर्च।
5. टैक्स और डीलर कमीशन: केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, इसके अलावा पंप मालिकों का कमीशन भी शामिल होता है।