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इंडिगो की उड़ानों में लगातार रद्दीकरण से यात्रियों में हड़कंप

इंडिगो एयरलाइंस के उड़ानों में लगातार रद्दीकरण से यात्रियों में हड़कंप मच गया है। पिछले छह दिनों में हजारों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे हवाईअड्डों पर अफरातफरी का माहौल है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं। जानें इस संकट के पीछे की वजह और कंपनी द्वारा उठाए जा रहे कदम।
 

उड़ानों में रद्दीकरण का संकट

नई दिल्ली। रविवार को लगातार छठे दिन विमान यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उड़ानों के रद्द होने के कारण देश के प्रमुख हवाईअड्डों पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। इस दिन इंडिगो एयरलाइंस ने 600 से अधिक उड़ानें रद्द कीं। पिछले छह दिनों में इंडिगो की तीन हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। रविवार को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सबसे अधिक 115 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि मुंबई में 112 और दिल्ली में 109 उड़ानें रद्द की गईं।


कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भी इंडिगो की 76 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें से 53 उड़ानें उड़ान भरने वाली थीं और 23 लैंडिंग के लिए थीं। इंदौर से 24 और भोपाल से चार उड़ानें भी रद्द की गईं। हालांकि, रद्द की गई उड़ानों के बीच इंडिगो ने यात्रियों को रिफंड देना शुरू कर दिया है और उनके बैगेज भी लौटाए जा रहे हैं। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि अगले तीन दिनों में, यानी 10 दिसंबर तक, स्थिति सामान्य हो जाएगी।


इस बीच, नागरिक विमानन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि परिचालन संकट के दौरान रविवार शाम तक इंडिगो ने यात्रियों को 610 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड किया है। इसके साथ ही, कंपनी ने देशभर में तीन हजार से अधिक बैगेज भी लौटाए हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि रिफंड या दोबारा बुकिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों की सहायता के लिए सपोर्ट सेल भी स्थापित किए गए हैं।


इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने बताया कि रविवार को कंपनी 138 में से 137 गंतव्यों पर 1,650 उड़ानों का संचालन कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऑन टाइम परफॉर्मेंस 75 प्रतिशत रहने का अनुमान है। शनिवार को कंपनी ने 1,500 उड़ानों का संचालन किया था, जबकि आमतौर पर इंडिगो हर दिन लगभग 2,300 उड़ानों का संचालन करती है। सीईओ ने कहा कि सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं।


हालांकि, रविवार को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और हैदराबाद के अलावा चेन्नई, जयपुर, भोपाल, त्रिची जैसे हवाईअड्डों पर भी विमानों का परिचालन प्रभावित हुआ। रविवार को 600 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। शनिवार को लगभग 800 और शुक्रवार को करीब 1,600 उड़ानें रद्द की गई थीं। यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने कंपनी को रिफंड प्रक्रिया को 7 दिसंबर की रात 8 बजे तक पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, कंपनी को अगले 48 घंटों में यात्रियों के बैगेज को खोजकर डिलीवर करना होगा। यदि कंपनी के सीईओ ने 24 घंटे में जवाब नहीं दिया, तो नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) एकतरफा निर्णय ले सकता है।