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उत्तर भारत में मानसून का कहर: बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित

उत्तर भारत में मानसून का कहर जारी है, जिससे बारिश और बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों तक, जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी, जिसमें प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्यों की स्थिति शामिल है।
 

भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति


  • भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित


नई दिल्ली: उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक बारिश और बाढ़ का संकट लगातार बना हुआ है। पहाड़ों में बादल फटने की घटनाएं भी जारी हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि इस सप्ताहांत तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है।


आईएमडी ने 7 सितंबर तक विभिन्न स्थानों पर भारी से हल्की बारिश की संभावना जताई है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में तेज बारिश और भूस्खलन के कारण कई क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिसके चलते स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।


दिल्ली में, बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक पहुंच गया। गाजियाबाद में कई इमारतें जलमग्न हो गई हैं और सड़कों पर पानी घुटनों तक भर गया है।


कश्मीरी बस अड्डे के पास यमुना के किनारे के निचले इलाकों में जैसे तिब्बती बाजार, मोनेस्ट्री मार्केट, यमुना बाजार आदि में पानी भर गया है। यहां से 12,000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। पंजाब में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जहां 23 जिले जलमग्न हो चुके हैं और 30 लोगों की जान जा चुकी है। कुछ लोग अभी भी लापता हैं।