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कार के ब्लोअर हीटर के उपयोग से होने वाले संभावित खतरे

ठंड के मौसम में कार के ब्लोअर हीटर का उपयोग करना आम है, लेकिन इसके कई छिपे हुए खतरे भी हैं। यह लेख बताता है कि कैसे ब्लोअर हीटर कार के इंजन पर अतिरिक्त लोड डालता है, फ्यूल खपत बढ़ाता है, और ड्राइवर की फोकस क्षमता को कम करता है। जानें कि इन खतरों से कैसे बचा जा सकता है और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
 

ब्लोअर हीटर के उपयोग के खतरे


नई दिल्ली: जैसे-जैसे ठंड का मौसम आता है, लोग अपनी कारों में ब्लोअर हीटर का उपयोग करना शुरू कर देते हैं ताकि यात्रा को आरामदायक बनाया जा सके। लेकिन इस सुविधा के पीछे कुछ ऐसे जोखिम होते हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है। विशेष रूप से लंबी यात्रा या हाईवे पर चलते समय, ब्लोअर हीटर कार के विभिन्न हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हीटर का सही तरीके से उपयोग करने से कार की उम्र बढ़ सकती है, लेकिन गलत तरीके से बार-बार चलाने से ईंधन दक्षता, इंजन लोड और ड्राइविंग के आराम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


ठंड के मौसम में सुरक्षित और बेहतर ड्राइविंग के लिए यह जानना आवश्यक है कि ब्लोअर हीटर कार को किन तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है।


1. इंजन पर बढ़ता अतिरिक्त लोड

ब्लोअर हीटर कार के इंजन की गर्मी का उपयोग करता है, लेकिन इसके संचालन के लिए अल्टरनेटर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। लंबे समय तक हीटर का उपयोग करने से इंजन तेजी से गर्म हो सकता है, जिससे उसकी प्रदर्शन क्षमता प्रभावित हो सकती है। खासकर पुराने मॉडल की कारों में यह दबाव अधिक होता है, जिसका असर माइलेज पर भी पड़ सकता है।


2. फ्यूल खपत में बढ़ोतरी

हीटर ब्लोअर बैटरी और इंजन दोनों से ऊर्जा लेता है। जैसे-जैसे लोड बढ़ता है, फ्यूल की खपत भी बढ़ती है। शहर की ट्रैफिक में हीटर का उपयोग करने पर आमतौर पर माइलेज कम होने की शिकायतें सुनने को मिलती हैं। यदि आप रोजाना कार चलाते हैं, तो यह आदत आपके मासिक खर्च में स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकती है।


3. केबिन की हवा का ड्राई होना

ब्लोअर हीटर कार के अंदर की हवा को सूखा बना देता है, जिससे आंखों और त्वचा में सूखापन बढ़ सकता है। लंबे समय तक ड्राइव करने वाले लोगों को इससे थकान और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। यदि आप परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो बच्चों और बुजुर्गों पर इसका प्रभाव जल्दी पड़ सकता है।


4. इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर दबाव

हीटर ब्लोअर मोटर, फ्यूज और वायरिंग पर लगातार लोड डालता है। बार-बार उच्च गति पर चलाने से मोटर गर्म हो सकती है और फ्यूज उड़ने की संभावना बढ़ जाती है। कई मामलों में, हीटर के कारण कार का एसी कंट्रोल मॉड्यूल भी प्रभावित हो सकता है, जिसका मरम्मत खर्च काफी अधिक हो सकता है।


5. ड्राइवर की फोकस क्षमता कम होना

हीटर के साथ केबिन अधिक गर्म हो जाता है, जिससे ड्राइवर को सुस्ती और थकान महसूस होने लगती है। यह विशेष रूप से लंबी दूरी की ड्राइव में खतरनाक साबित हो सकता है। केबिन की अधिक गर्मी सड़क पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कम कर देती है और प्रतिक्रिया समय भी धीमा हो सकता है, जिससे दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है।