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चंडीगढ़ में पेड़ों का अनोखा नक्शा: वन महोत्सव के तहत 1 लाख पौधों का रोपण

चंडीगढ़ ने एक अनोखी पहल के तहत पेड़ों का नक्शा तैयार किया है, जिससे शहर की हरित स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस शनिवार को वन महोत्सव के दौरान 1 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें विशेष रूप से 6 से 8 फीट के पौधों का रोपण किया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में और कैसे यह चंडीगढ़ को एक ग्रीन सिटी बनाने में मदद करेगा।
 

चंडीगढ़ में पेड़ों का नक्शा: एक नई पहल

चंडीगढ़ पेड़ों का नक्शा तैयार करने वाला पहला शहर: चंडीगढ़ अब देश का पहला शहर बन गया है, जहां न केवल सड़कों और जमीन का नक्शा है, बल्कि पेड़ों का भी एक विस्तृत नक्शा तैयार किया गया है। प्रशासक के निर्देशों के तहत, प्रशासन ने लगभग दो वर्षों में इस नक्शे को विकसित किया है, जिसमें चंडीगढ़ में पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों और ग्रीनरी से संबंधित समस्याओं का विवरण शामिल है। यह दस्तावेज भविष्य में इस ग्रीन सिटी की हरित स्थिति को बनाए रखने में सहायक होगा।


वन महोत्सव के तहत पौधों का रोपण


शनिवार को सुबह 8 बजे से वन महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दिन रिकॉर्ड 253 स्थलों पर 1 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया स्वयं 24 विभिन्न स्थलों पर जाकर पौधों का रोपण देखेंगे और पौधे भी लगाएंगे। इस बार 6 से 8 फीट के पौधों का रोपण किया जाएगा, जिससे उनकी जीवित रहने की दर अधिक हो सके।


राजिंद्रा पार्क में मुख्य कार्यक्रम होगा, जहां प्रशासक ट्री मैप, जलवायु परिवर्तन कार्य योजना और ग्रीनिंग कार्य योजना का विमोचन करेंगे। इस बार पौधे मुफ्त में बांटने के बजाय, 5 से 10 रुपये प्रति पौधा चार्ज किया जाएगा, जिससे वन विभाग के पास रिकॉर्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी।


इस मॉनसून में मेगा ट्री प्लांटेशन के लिए सचिव वन और पर्यावरण कम होम मनदीप बराड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें मुख्य संरक्षक वन और मुख्य वन्यजीव वार्डन सौरभ कुमार भी उपस्थित थे। बराड ने बताया कि इस बार लगभग पांच लाख पौधे इस मॉनसून सीजन में लगाए जाएंगे।


इसके लिए वन विभाग ने विस्तृत योजना बनाई है। सौरभ कुमार ने कहा कि प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के निर्देशों पर पहले ही संबंधित संस्थाओं, निवासियों की कल्याण संघों, स्कूलों और उद्योगों के साथ कई बैठकें की जा चुकी हैं। पौधों के रोपण के लिए स्थलों की पहचान की गई है।


पौधों की जीवित रहने की दर 80%


पौधों की जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत तक होती है, लेकिन इस बार एक नई पहल के तहत तीन साल की देखभाल के लिए अंडरटेकिंग दी जाएगी। इसके अलावा, विभाग स्वयं भी उन स्थलों की निगरानी करेगा, जहां पौधों का रोपण किया जाएगा। स्कूलों के लिए विशेष पहल की जा रही है, जिसमें हर्बल गार्डन और ईको क्लब बनाए जाएंगे। स्कूली बच्चों को विशेष रूप से क्यूआर कोड वाले प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।