चने की बिजाई के लिए महत्वपूर्ण सुझाव: हरियाणा के किसानों के लिए गाइड
चने की बिजाई के लिए सही समय
Chickpea Sowing tips in hindi: हिसार | हरियाणा के किसानों के लिए एक सकारात्मक समाचार है! चने की बिजाई का उपयुक्त समय आ गया है, और यदि इसे सही तरीके से किया जाए, तो फसल की उपज उत्कृष्ट हो सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि देसी चने की बिजाई मध्य अक्टूबर तक और काबुली चने की बिजाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में करनी चाहिए।
बीज उपचार की आवश्यकता
बिजाई से पहले बीजों को कीटों और फफूंद से बचाने के लिए उपचार करना आवश्यक है। कीटनाशक के लिए 850 मिली मोनोक्रोटोफास 36 SL या 1500 मिली क्लोरपाइरीफॉस 20 EC को पानी में मिलाकर 2 लीटर घोल तैयार करें।
इस घोल का उपयोग करते हुए 1 क्विंटल बीज को बिजाई से एक दिन पहले पक्के फर्श या पॉलिथीन शीट पर फैलाकर उपचार करें। इसके बाद, फफूंदनाशक के लिए बाविस्टिन 2.5 ग्राम, ट्राइकोडरमा विरिडी बायोडरमा 4 ग्राम, या वीटावैक्स 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से लगाएं। यह उपचार फसल को रोगों और कीटों से सुरक्षित रखेगा।
पोरा विधि से बिजाई
चने की बिजाई पोरा विधि से करें, जिसमें दो खूंटों के बीच 30 सेंटीमीटर का अंतर रखें और बीज को 10 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं। यदि बीज इससे कम गहराई पर बोया गया, तो उखेड़ा रोग का खतरा बढ़ सकता है।
जिन खेतों में नमी कम हो, वहां दो खूंटों का फासला 45 सेंटीमीटर रखें और बिजाई के समय 12 किलोग्राम यूरिया व 100 किलोग्राम सुपरफास्फेट प्रति एकड़ डालें। यदि डीएपी उपलब्ध हो, तो 34 किलोग्राम डीएपी प्रति एकड़ बीज के नीचे डालें।
अतिरिक्त सावधानियां
चने के बीज में कोराइजोबियम टीका लगाना न भूलें, क्योंकि यह जड़ों को मजबूत करता है और पैदावार को बढ़ाता है। यदि खेत की मिट्टी बहुत रेतीली है, तो 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ डालें। ये उपाय फसल को स्वस्थ रखने और अच्छी पैदावार प्राप्त करने में सहायक होंगे।
चने की बिजाई का यह सही समय है। इन सुझावों को अपनाकर किसान अपनी फसल को बेहतर बना सकते हैं। जल्दी करें और सही तरीके से बिजाई शुरू करें!