ट्रंप की नई टैरिफ नीति से ब्रिक्स देशों में बढ़ा तनाव
ट्रंप की टैरिफ नीति का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार में हलचल मचाने वाली नीति की घोषणा की है। सोमवार को, उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया और 14 अन्य देशों पर नए टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसके साथ ही, उन्होंने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी कि जो भी देश अमेरिकी नीतियों का विरोध करेगा, उसे 10% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इस कदम ने वैश्विक स्तर पर तनाव को बढ़ा दिया है, और ब्रिक्स के सदस्य देशों ने इसकी कड़ी निंदा की है। आइए, समझते हैं कि ब्रिक्स देश ट्रंप के निशाने पर क्यों हैं और इसका भारत सहित अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
ब्रिक्स का परिचय
ब्रिक्स एक ऐसा समूह है जो दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाता है। इसके संस्थापक सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इस संगठन का नाम इन पांच देशों के पहले अक्षरों से बना है। 2009 में स्थापित इस समूह का उद्देश्य आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना, वैश्विक व्यापार में संतुलन स्थापित करना और विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करना है। 1 जनवरी 2024 को ब्रिक्स का विस्तार हुआ, जिसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हुए। सऊदी अरब भी इस समूह की गतिविधियों में आमंत्रित देश के रूप में भाग लेता है, हालांकि वह अभी तक आधिकारिक सदस्य नहीं बना है।
ट्रंप की टैरिफ नीति और ब्रिक्स पर निशाना
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में टैरिफ को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने का एक साधन बनाया है। सोमवार को, उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। इसके अलावा, म्यांमार और लाओस पर 40%, दक्षिण अफ्रीका पर 30%, और मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश जैसे देशों पर 25% से 35% तक टैरिफ लगाने की बात कही गई है।
ब्रिक्स देशों पर ट्रंप का निशाना
ट्रंप ने विशेष रूप से ब्रिक्स देशों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि यदि ब्रिक्स देश अमेरिकी नीतियों के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं या अमेरिकी डॉलर को वैश्विक रिजर्व मुद्रा के रूप में चुनौती देने की कोशिश करते हैं, तो उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। यह चेतावनी ब्रिक्स के हालिया रियो डी जनेरियो शिखर सम्मेलन के बाद आई, जहां सदस्य देशों ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों और एकतरफा व्यापारिक कदमों की आलोचना की थी।
भारत पर प्रभाव
भारत, जो ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, इस टैरिफ नीति से प्रभावित हो सकता है। ट्रंप ने भारत के साथ एक मिनी-ट्रेड डील की संभावना जताई है, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने कृषि उत्पादों जैसे सोयाबीन, मक्का और डेयरी पर शुल्क कम करने में अनिच्छा दिखाई है। यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नहीं हो पाता, तो ट्रंप भारतीय निर्यात पर 26% तक टैरिफ लगा सकते हैं। भारत के प्रमुख निर्यात जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा और रत्न-आभूषण अमेरिकी बाजार में महंगे हो सकते हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है।