त्योहारी सीजन में बजट कारों की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि
SBI की रिपोर्ट: बजट कारों की बिक्री में उछाल
SBI बजट कार रिपोर्ट: SBI की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी सीजन में 5 से 10 लाख रुपये की कारों की बिक्री ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जिसमें मारुति सुजुकी को सबसे अधिक लाभ हुआ है।
इस साल के त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। प्रीमियम कारों की मांग में तेजी आई है, जबकि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री भी कई सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं रैशनलाइज्ड GST दरें और मजबूत त्योहारी भावना।
GST दरों में बदलाव से किफायती कारों की मांग में वृद्धि
GST स्लैब में बदलाव, विशेष रूप से छोटी कारों और कॉम्पैक्ट SUV पर, आम उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बना है।
कम टैक्स के चलते कारों के एक्स-शोरूम दाम में कमी आई है, जिससे बजट में कार खरीदना फिर से संभव हो गया है।
इससे वे ग्राहक भी बाजार में लौट आए हैं जो बढ़ती EMI और लगातार बढ़ती कार की कीमतों से चिंतित थे।
SBI रिसर्च: 78% बिक्री 10 लाख से कम वाली कारों की
SBI की रिसर्च के अनुसार, सितंबर से अक्टूबर 2025 के बीच बिकने वाली कुल कारों में से 78% कारें 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले सेगमेंट में थीं।
इनमें:
5 से 10 लाख रुपये वाली कारों की हिस्सेदारी – 64%
5 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी – 14%
यह स्पष्ट है कि त्योहारी मौसम में बजट कारें ही बाजार की रीढ़ बनीं।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नवरात्रि से लेकर दिवाली के बीच हर दो सेकंड में एक कार बेची जा रही थी।
डीलरों पर डिलीवरी का दबाव उम्मीद से कहीं अधिक था, क्योंकि खरीदारों की संख्या अचानक बढ़ गई थी।
मारुति सुजुकी ने बाजार में बढ़त बनाई
फेस्टिव सीजन में सबसे बड़ा लाभ मारुति सुजुकी को हुआ है।
कंपनी के पास सबसे अधिक छोटे और किफायती मॉडल हैं, जिससे बड़ी संख्या में ग्राहक इसकी ओर आकर्षित हुए हैं।
मारुति सुजुकी ने:
40 दिनों में 5 लाख बुकिंग
4.1 लाख रिटेल बिक्री
2.5 लाख छोटी कारों की बिक्री
ये आंकड़े पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुने हैं।
GST कटौती के बाद मारुति के छोटे मॉडलों की हिस्सेदारी 16.7% से बढ़कर 20.5% हो गई है।
ग्रामीण बाजार में छोटी कारों की बिक्री में 35% की वृद्धि हुई है।
छोटी कारों की मांग केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इनकी बिक्री में 35% से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
दिलचस्प बात यह है कि अब ग्रामीण बाजार भी महंगी कारों को तेजी से अपना रहा है, जबकि पहले यह ट्रेंड मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में देखा जाता था।