बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कुशवाहा समुदाय पर जेडीयू की नजर
बिहार चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में जातीय समीकरण हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने कुशवाहा समाज को अपने रणनीतिक फोकस में शामिल किया है। सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी कुशवाहा समुदाय से 16 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना रही है।
कुशवाहा मतदाताओं की भूमिका
पार्टी के रणनीतिकारों ने हाल के चुनावों में कुशवाहा मतदाताओं की अहमियत और उनकी नाराजगी से हुए नुकसान को ध्यान में रखा है। पिछली बार राजद (RJD) ने कुशवाहा और वैश्य समुदाय में अपनी पकड़ बनाकर एनडीए को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। खासकर शाहाबाद और मगध क्षेत्र में एनडीए की सभी सीटें हार गईं, जिनमें काराकाट, सासाराम, आरा और औरंगाबाद शामिल हैं।
कुशवाहा वोटबैंक पर ध्यान
इस झटके ने नीतीश कुमार को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए मजबूर किया है। कटिहार से दुलाल चंद गोस्वामी और पूर्णिया से संतोष कुशवाहा की हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि कुशवाहा समुदाय की अनदेखी महंगी साबित हो सकती है।
उम्मीदवारों की सूची
जेडीयू के वरिष्ठ नेता उमेश कुशवाहा, जो नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं, का नाम सबसे आगे है। उन्होंने वर्ष 2015 में महनार विधानसभा से चुनाव जीतकर बीजेपी उम्मीदवार को 27,000 मतों से हराया था। हालांकि, 2020 में राजद प्रत्याशी वीणा देवी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उनका नाम फिर से टिकट के लिए चर्चा में है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे महनार से चुनाव लड़ेंगे या कोई नई सीट उन्हें दी जाएगी।
अन्य संभावित उम्मीदवार
भगवान सिंह कुशवाहा, जिनकी राजनीतिक यात्रा IPF, समता पार्टी और LJP तक रही है, अब फिर से जेडीयू में सक्रिय हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें एमएलसी बनाया है और अब उनके जगदीशपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है।
जयंत राज कुशवाहा, जो अमरपुर से विधायक हैं और जनार्दन मांझी के पुत्र हैं, को भी एक बार फिर टिकट मिलने की संभावना है। वर्ष 2020 में पहली बार विधायक बने जयंत राज को नीतीश कुमार ने मंत्री भी बनाया था।
इसके अलावा, जहानाबाद से संतोष कुशवाहा, पाली से नंदकिशोर कुशवाहा और रामसेवक सिंह कुशवाहा के नाम भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। जेडीयू अपने सामाजिक समीकरण को मजबूत करने और विपक्ष को मात देने के लिए इन नामों पर गंभीरता से विचार कर रही है।