×

भारत में ट्रेन ओवरब्रिज के नीचे खड़े होने का अनोखा कारण

हाल ही में एक वायरल वीडियो ने भारत में ट्रेन ओवरब्रिज के नीचे खड़े होने के अजीब कारण को उजागर किया है। वीडियो में लोग सड़क पर खड़े हैं, जबकि सड़क पूरी तरह से साफ है। जानें कि क्यों लोग इस स्थिति में खड़े रहना पसंद करते हैं और इसके पीछे की रोचक कहानी क्या है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया है, जिसमें नेटिज़न्स ने अपने विचार साझा किए हैं।
 

वायरल वीडियो की कहानी

वायरल वीडियो: भारत की सड़कों पर कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जो विदेशियों के लिए रहस्यमयी और भारतीयों के लिए रोज़मर्रा की बात होती हैं. हाल ही में एक वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है, जिसमें लोग ट्रेन ओवरब्रिज के नीचे खड़े होकर इंतज़ार करते दिख रहे हैं, जबकि सड़क पूरी तरह साफ है. यह नज़ारा पहली नज़र में भले ही अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे. आइए, इस वायरल घटना के पीछे की कहानी को समझते हैं.


इस वीडियो में बाइक और गाड़ियों पर सवार लोग एक रेलवे ओवरब्रिज के नीचे रुके हुए हैं. सड़क पूरी तरह से खाली है, फिर भी कोई आगे नहीं बढ़ रहा. वीडियो के साथ लिखा गया कैप्शन है, "ट्रेन पुल पर है, सड़क साफ है, लेकिन फिर भी हम इंतज़ार कर रहे हैं. इंडिया बेगिनर्स के लिए नहीं है." यह लाइन सिर्फ चेहरे पर मुस्कान ही लाती बल्कि भारत की अनोखी हकीकत को भी बयान करती है. नेटिज़न्स ने कमेंट्स में इस व्यवहार का कारण बताया, लोग ट्रेनों के शौचालयों से गिरने वाले मल और कचरे से खुद को बचा रहे हैं.



लोगों ने भर-भरकर किए कमेंट्स


सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोगों ने मज़ेदार और सटीक कमेंट्स किए हैं. एक यूज़र ने लिखा, "वे अपने निर्माण की गुणवत्ता के बारे में जानते हैं!" एक अन्य यूज़र ने कहा, "शौचालय के कचरे से सीधे खुद को बचाने के लिए." कुछ यूज़र्स ने बताया कि पहले की ट्रेनों में शौचालयों से कचरा सीधे पटरियों पर गिरता था, जिसके कारण ओवरब्रिज के नीचे इंतज़ार करना एक अनकहा नियम बन गया.


पुराने समय का दिया हवाला


एक यूज़र ने लिखा, "हमारे शहर में भी यही स्थिति थी... पानी??? टॉयलेट से टपकता था. अब रेलवे ने इसे जैव शौचालयों से ठीक कर दिया है. लेकिन 10 साल पहले, जब ट्रेन गुजरती थी तो पानी टपकता था. हम तब तक इंतज़ार करते थे जब तक वह बाहर नहीं निकल जाता." हालांकि, भारतीय रेलवे ने अब जैव शौचालयों को अपनाकर इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया है, फिर भी लोगों की पुरानी आदतें और सावधानी उन्हें इंतज़ार करने के लिए मजबूर करती हैं.