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मानसून में CNG कार की देखभाल के लिए आवश्यक टिप्स

मानसून में CNG कार की देखभाल करना बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी CNG गाड़ी को इस बारिश के मौसम में सही तरीके से मेंटेन कर सकते हैं। जानें CNG सिस्टम की नियमित जांच, इंजन ऑयल और एयर फिल्टर की सफाई, स्पार्क प्लग की देखभाल और कूलिंग सिस्टम की जांच के बारे में। इन सरल टिप्स के जरिए आप अपनी गाड़ी की परफॉरमेंस को बेहतर बना सकते हैं और माइलेज में भी सुधार कर सकते हैं।
 

CNG कार की देखभाल मानसून में

CNG कार की देखभाल मानसून में: देश में मानसून का आगमन हो चुका है, और इस दौरान वाहनों की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। खासकर CNG गाड़ियों को इस मौसम में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। ये गाड़ियाँ पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प मानी जाती हैं। यदि नियमित रूप से इनकी सर्विसिंग की जाए, तो ये हर मौसम में बेहतरीन प्रदर्शन और बेहतर माइलेज प्रदान कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि बारिश के इस मौसम में CNG कार की देखभाल कैसे करनी चाहिए….


CNG सिस्टम का नियमित चेकअप

CNG कार चाहे नई हो या पुरानी, इनका नियमित चेकअप बेहद जरूरी है। CNG कार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उसका गैस सिलेंडर और फ्यूल सिस्टम है। विशेषज्ञों के अनुसार हर 3-6 महीने में सिलेंडर, पाइपलाइन और वाल्व की जांच किसी अधिकृत सर्विस सेंटर पर जाकर करानी चाहिए। लीकेज की जांच के लिए लीक डिटेक्टर का उपयोग करना आवश्यक है। वहीं सिलेंडर की हाइड्रो टेस्टिंग हर 3 साल में करवाना जरूरी है।


इंजन ऑयल और एयर फिल्टर की जांच

CNG कारों में इंजन ऑयल का स्तर नियमित रूप से चेक करते रहें। CNG इंजन अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं, इसलिए उच्च गुणवत्ता वाला इंजन ऑयल उपयोग करें। हर 5,000 से 7,000 किलोमीटर पर ऑयल और ऑयल फिल्टर भी बदल दें। इसके अलावा एयर फिल्टर की सफाई भी बेहद जरूरी है। इसे हर 5,000 किलोमीटर पर साफ करें और जरूरत पड़ने पर बदल दें। अगर एयर फिल्टर साफ रहेगा तो माइलेज में इजाफा होना निश्चित है।


स्पार्क प्लग और कूलिंग सिस्टम पर ध्यान

CNG कार में स्पार्क प्लग जल्दी खराब हो जाते हैं। इसलिए हर 10,000 से 15,000 किलोमीटर पर स्पार्क प्लग की जांच और सफाई जरूरी है। अगर आवश्यक हो तो इन्हें बदल दें। इसके अलावा इग्निशन सिस्टम की भी नियमित जांच करें। CNG इंजन अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं, इसलिए कूलेंट की जांच जरूरी है। कूलेंट की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। हर 6 महीने या 10,000 किलोमीटर पर कार की सर्विसिंग करवाना चाहिए।