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राजस्थान में सीकर-झुंझुनू के बीच नए स्टेट हाईवे का निर्माण

राजस्थान में सीकर और झुंझुनू के बीच 64 किलोमीटर लंबे 37 बी स्टेट हाईवे का निर्माण शुरू होने जा रहा है। यह हाईवे दोनों जिलों के निवासियों के लिए यात्रा को सुगम बनाएगा। वर्तमान में सड़क की स्थिति खराब है, जिससे स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नए हाईवे के निर्माण से न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि ट्रैफिक की समस्या का भी समाधान होगा। जानें इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 

सीकर-झुंझुनू स्टेट हाईवे का महत्व


Sikar Jhunjhunu State Highway : राजस्थान के सीकर और झुंझुनू जिलों के निवासियों के लिए एक सकारात्मक विकास की खबर आई है। राज्य सरकार, केंद्र के सहयोग से, 64 किलोमीटर लंबे 37 बी स्टेट हाईवे का निर्माण करने जा रही है। यह हाईवे सीकर और झुंझुनू को सीधे जोड़ते हुए, दोनों जिलों के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को लंबी यात्रा करने के बजाय सीधे आवागमन का लाभ प्रदान करेगा।


निर्माण कार्य की शुरुआत

सूत्रों के अनुसार, 37 बी स्टेट हाईवे का निर्माण अगस्त में शुरू होगा। यह हाईवे सीकर के पिपराली चौराहे से प्रारंभ होगा। वर्तमान में, पिपराली से चला तक की सड़क की स्थिति बहुत खराब है, जिसमें कई स्थानों पर गड्ढे बन गए हैं। इससे लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों और स्थानीय निवासियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नए हाईवे के निर्माण से इन समस्याओं का समाधान होगा और यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी।


हाईवे का मार्ग

हाईवे का मार्ग

आरएसआरडीसी ने इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह हाईवे चिराना, उदयपुरवाटी, छापोली और गुहाला क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। पहले इसकी चौड़ाई सात मीटर थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 मीटर किया गया है। यहां की पुरानी डामर सड़क को फिर से बनाया जाएगा, जिससे परियोजना की लागत 70.42 करोड़ रुपये आएगी। इस कार्य के 2026 तक पूरा होने की संभावना है।


ट्रैफिक की बढ़ती समस्या

वर्तमान में बढ़ता ट्रैफिक दबाव

आरएसआरडीसी के एक्सईएन महिपाल देवंदा ने बताया कि झुंझुनू और सीकर को जोड़ने वाले 37 बी स्टेट हाईवे पर ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। यह हाईवे 10 साल पहले बना था और अब जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए इसे नए सिरे से बनाया जा रहा है। इसकी चौड़ाई तीन मीटर बढ़ाई गई है ताकि ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके। पिपराली रोड पर कई कोचिंग संस्थान हैं, जिससे स्टेट हाईवे के निर्माण से छात्रों को भी लाभ होगा।