×

लग्जरी वाहनों पर GST में कटौती की संभावना: ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिलेगी राहत

ऑटोमोबाइल सेक्टर में GST की दरों में संभावित कटौती से लग्जरी वाहनों की कीमतों में कमी आ सकती है। सरकार 40% की एकल कर दर लागू करने पर विचार कर रही है, जिससे छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर कर का बोझ भी घट सकता है। इस बदलाव का इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी प्रभाव पड़ेगा। जानें इस मुद्दे पर क्या है सरकारी सूत्रों का कहना और ऑटो उद्योग पर क्या दबाव है।
 

GST में संभावित कटौती

GST में कटौती की उम्मीद: ऑटोमोबाइल उद्योग में जल्द ही महत्वपूर्ण राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। छोटी कारों और दोपहिया वाहनों से लेकर लग्जरी सेडान और एसयूवी तक, सभी प्रकार के वाहनों की कीमतों में कमी की संभावना जताई जा रही है। जीएसटी परिषद मौजूदा 50% की दर को घटाकर 40% करने पर विचार कर रही है, जो लग्जरी और अहितकर वस्तुओं पर लागू होती है।


गुरुवार को मंत्रियों के समूह की बैठक में दरों में कमी पर चर्चा की गई। कुछ राज्यों ने 40% जीएसटी के साथ एक अतिरिक्त उपकर लगाने की मांग की है। वर्तमान में, चार मीटर से अधिक लंबाई और निश्चित इंजन क्षमता वाली सेडान और एसयूवी पर 28% जीएसटी के साथ 22% उपकर लगाया जाता है। अगले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार लग्जरी वस्तुओं पर बिना उपकर के 40% की एकल कर दर लागू करने के पक्ष में है।


उपकर हटाने की संभावना


सरकारी सूत्रों ने बताया, “उपकर को हटाया जा सकता है, क्योंकि यह जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व हानि के मुआवजे के लिए पांच साल तक लागू करना था।” हालांकि, कोविड-19 के कारण हुए नुकसान को कवर करने के लिए इसे तीन साल तक बढ़ाया गया था। इस बदलाव से छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर कर का बोझ 29% से घटकर 18% हो सकता है, जबकि एसयूवी खरीदारों को मूल्य में अधिक लाभ मिल सकता है।


इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रभाव


पेट्रोल और डीजल, हाइब्रिड जैसी गाड़ियों पर टैक्स में कटौती से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के साथ टैक्स अंतर कम हो जाएगा, जिन पर वर्तमान में 5% जीएसटी लागू है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम, खासकर दोपहिया वाहनों के मूल्य-संवेदनशील सेगमेंट में, इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को प्रभावित कर सकता है। वर्तमान में जीएसटी का अंतर 23% है, जो घटकर 13% हो जाएगा। हालांकि, ईवी की महंगी होने के बावजूद उनकी कम परिचालन लागत उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक हो सकती है।


ऑटो उद्योग पर दबाव


उपभोक्ताओं और सरकारी हलकों में यह चिंता है कि क्या ऑटो कंपनियां इस कर कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी। सरकारी सूत्रों ने कहा, कंपनियों को फायदा देने का दबाव होगा, खासकर सुस्त बिक्री के बीच मांग बढ़ाने के लिए।” ऑटो उद्योग पर अक्सर लाभ हड़पने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन मुनाफाखोरी-रोधी धारा लागू न होने के बावजूद सरकार इस दिशा में सख्ती बरत सकती है।