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सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के बीच, सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं। बैटरी की स्थिति, चार्जिंग सिस्टम और सर्विस हिस्ट्री की जांच करना आवश्यक है। जानें कि कैसे इन बातों का ध्यान रखकर आप एक बेहतरीन सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीद सकते हैं।
 

सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए सुझाव

सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने के सुझाव: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, रखरखाव की लागत कम है, और सरकार भी सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।


नई इलेक्ट्रिक कारें महंगी होती हैं, इसलिए सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। यदि आप पुरानी इलेक्ट्रिक कार खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो पहले इन तीन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दें, अन्यथा आपको पछतावा हो सकता है।


1. बैटरी की स्थिति और वारंटी की जांच करें


इलेक्ट्रिक कार की बैटरी उसकी आत्मा होती है और यह सबसे महंगी भी होती है। खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि बैटरी की स्थिति कितनी अच्छी है। यदि यह 70-80% से कम है, तो रेंज और प्रदर्शन दोनों प्रभावित होंगे। OBD स्कैनर या कंपनी के सर्विस सेंटर से बैटरी की वास्तविक रिपोर्ट अवश्य प्राप्त करें।


इसके साथ ही, बैटरी पर कितनी वारंटी बची है, यह भी देखें। अधिकांश कंपनियां 8 साल या 1.6 लाख किमी तक की वारंटी देती हैं। यदि वारंटी समाप्त हो चुकी है, तो नई बैटरी की लागत 5-8 लाख तक हो सकती है!


2. चार्जिंग सिस्टम और इलेक्ट्रिकल पार्ट्स का परीक्षण करें


चार्जिंग पोर्ट, ऑन-बोर्ड चार्जर और मोटर कंट्रोलर जैसे घटक खराब होने पर आपको महंगा पड़ सकता है। कार को कम से कम 30 मिनट चार्ज करके देखें कि गति सामान्य है या नहीं। पोर्ट में जंग, ढीलापन या कोई नुकसान है या नहीं, यह भी जांचें। यदि कार फास्ट चार्जिंग का समर्थन करती है, तो उसे भी अवश्य परीक्षण करें। इन घटकों की मरम्मत या प्रतिस्थापन महंगा हो सकता है, इसलिए आंख बंद करके भरोसा न करें।


3. सर्विस इतिहास और वास्तविक रेंज की जानकारी प्राप्त करें


सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते समय पूरी सर्विस हिस्ट्री और ओनरशिप पेपर मांगें। यह देखना महत्वपूर्ण है कि कार की समय पर सर्विस हुई है या नहीं। विज्ञापन में 400-500 किमी रेंज का उल्लेख हो सकता है, लेकिन वास्तविकता जानने के लिए टेस्ट ड्राइव आवश्यक है।


लंबी ड्राइव करके इसकी जांच करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि कार कभी पानी में डूबी नहीं है या बड़ा एक्सीडेंट नहीं हुआ है, क्योंकि इससे बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नुकसान हो सकता है।


इन तीन बातों का ध्यान रखते हुए, सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है, अन्यथा पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा!