×

हरियाणा की नेहा ल्यूक ने खेती में बनाई नई पहचान

हरियाणा की नेहा ल्यूक ने अपनी 20 साल की कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर खेती में कदम रखा। उन्होंने माला फार्म्स की स्थापना की, जो अब 50 एकड़ में फैला है। इस फार्म में जैविक उत्पादों का उत्पादन होता है और उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। जानें कैसे नेहा ने अपने साहस और मेहनत से खेती में सफलता हासिल की।
 

नेहा ल्यूक का साहसिक कदम

नेहा ल्यूक, जो हरियाणा के अंबाला से हैं, ने हाल ही में अपनी 20 साल की कॉर्पोरेट नौकरी को छोड़कर खेती की दिशा में कदम बढ़ाया। यह निर्णय उनके लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन COVID-19 महामारी के बाद उन्होंने अपने सपनों को साकार करने का साहस जुटाया। 2021 में, नेहा और उनके पति ने गुरुग्राम में दो एकड़ भूमि खरीदी और अपनी दिवंगत मां के नाम पर माला फार्म्स की स्थापना की।


शुरुआत में छोटा सा फार्म अब 50 एकड़ में विस्तारित हो चुका है। माला फार्म्स में 25 से अधिक देसी गायें, 60 बकरियाँ, 700 मुर्गियाँ और अन्य पशु शामिल हैं, जो जैविक खाद उत्पादन में योगदान देते हैं और मिट्टी की सेहत को बनाए रखते हैं। इसके अलावा, फार्म में 700 से अधिक मधुमक्खी के छत्ते भी हैं, जिनसे शुद्ध जैविक शहद प्राप्त होता है।


नेहा के फार्म से A2 दूध, घी, पनीर, बकरी का दूध, शहद, अंडे, चिकन, और पारंपरिक तरीके से निकाला गया सरसों का तेल भी उत्पादित होता है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिससे सैकड़ों महिलाओं को घर बैठे आय का एक नया स्रोत मिला है।


वर्तमान में, माला फार्म्स की वार्षिक आय लगभग ₹60 लाख है। नेहा की प्रेरणादायक कहानी यह दर्शाती है कि मेहनत और साहस से खेती में भी बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है।