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2025 में जीएसटी दरों में कटौती: इलेक्ट्रॉनिक्स पर राहत

सरकार ने 2025 में जीएसटी दरों में कटौती की है, जिससे कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी। नए द्वि-स्तरीय कर ढांचे के तहत, अब केवल 5% और 18% के स्लैब होंगे। हालांकि, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर कोई राहत नहीं दी गई है। जानें इस बदलाव का उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा और किन उत्पादों की कीमतें घटेंगी।
 

जीएसटी दरों में बदलाव

जीएसटी दर कटौती 2025: यदि आप नया फोन या लैपटॉप खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए यह एक सकारात्मक समाचार है। त्योहारों से पहले, सरकार ने टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। नए जीएसटी दरों में कमी की गई है, जिसका प्रभाव फोन और लैपटॉप जैसी कई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा. सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है। जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर से लागू होने वाले नए द्वि-स्तरीय कर ढांचे को मंजूरी दी है, जिसमें अब केवल दो स्लैब होंगे – 5% और 18%. इस परिवर्तन से टीवी, एसी और डिशवॉशर जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी.


मोबाइल फोन और लैपटॉप पर प्रभाव

हालांकि, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर अभी कोई राहत नहीं दी गई है। इन पर 18% जीएसटी पहले की तरह ही लागू रहेगा। लेकिन उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर यह है कि कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद 28% के भारी टैक्स स्लैब से घटकर 18% में आ गए हैं.


नए सुधारों की घोषणा

नया बदलाव 

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 22 सितंबर से लागू होने वाले नए सुधारों की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब टैक्स स्लैब को कम करके केवल 5% और 18% कर दिया गया है। इससे न केवल उद्योग जगत बल्कि उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी.


टीवी की कीमतों में कमी

टीवी हुए सस्ते

टीवी सेट, एलसीडी और एलईडी टेलीविजन अब 28% के बजाय 18% जीएसटी स्लैब में आ गए हैं। इससे टीवी खरीदना पहले की तुलना में सस्ता हो जाएगा। सरकार का कहना है कि इस बदलाव से इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.


एसी और डिशवॉशर पर राहत

एसी और डिशवॉशर पर राहत

एयर कंडीशनर और डिशवॉशर को भी 28% से घटाकर 18% स्लैब में ला दिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे एसी की कीमत 1,500 से 2,500 रुपये तक घट सकती है। वहीं, डिशवॉशर भी अब अपेक्षाकृत कम कीमत में उपलब्ध होंगे। सरकार ने वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर को भी 18% स्लैब में शामिल कर लिया है। इसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा और त्योहारी सीजन में बिक्री भी बढ़ने की उम्मीद है.