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प्रधानमंत्री मोदी 2 अगस्त को पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को वाराणसी से पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे, जिसमें 20,500 करोड़ रुपये की राशि 9.7 करोड़ किसानों को मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत कृषक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। किसानों को इस किस्त के लिए कुछ आवश्यकताएँ पूरी करनी होंगी, जैसे कि ई-केवाईसी और आधार नंबर का बैंक खातों से जुड़ना। यह योजना पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय बन गई है।
 

पीएम-किसान योजना की नई किस्त का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 20वीं किस्त का वितरण करेंगे। इस बार 20,500 करोड़ रुपये की राशि लगभग 9.7 करोड़ किसानों को मिलेगी। यह घोषणा इस योजना के शुभारंभ के पांच साल पूरे होने के अवसर पर की गई है। अब तक, सरकार ने इस प्रमुख प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत 19 किस्तों में किसानों के बैंक खातों में 3.69 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया है.


कृषि मंत्रालय की पुष्टि

कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि पीएम-किसान की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी की जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की।


किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। पीएम-किसान योजना के तहत, योग्य किसानों को सालाना ₹6,000 की राशि तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत कृषक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है.


किसानों के लिए आवश्यकताएँ


किसानों को 20वीं किस्त प्राप्त करने के लिए अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा, अपने आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भूमि रिकॉर्ड सही हैं। सरकार ने धोखाधड़ी को कम करने और सुनिश्चित करने के लिए इन पूर्व-आवश्यकताओं पर जोर दिया है कि लाभ केवल वैध लाभार्थियों तक पहुंचे। पिछले कुछ वर्षों में, पीएम-किसान योजना ग्रामीण कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय बन गई है, जो लाखों कृषक परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.