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ED की अनिल अंबानी ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई, ₹1,120 करोड़ की संपत्तियां अटैच

केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामलों में एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। एजेंसी ने ₹1,120 करोड़ की अतिरिक्त संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है, जिससे समूह पर कुल अटैचमेंट का आंकड़ा ₹10,117 करोड़ तक पहुंच गया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित जांच का हिस्सा है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है और ED की जांच का दायरा क्या है।
 

केंद्रीय जांच एजेंसी की नई कार्रवाई


नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी ग्रुप से संबंधित बैंक धोखाधड़ी मामलों में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एजेंसी ने ₹1,120 करोड़ की अतिरिक्त संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है, जिससे समूह पर कुल अटैचमेंट का आंकड़ा ₹10,117 करोड़ तक पहुंच गया है।


जांच का विस्तार

जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, वे नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में स्थित हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित जांच का हिस्सा है। ED ने बताया कि जांच प्रक्रिया जारी है और आवश्यकता पड़ने पर और संपत्तियां भी अटैच की जा सकती हैं।


अटैच की गई संपत्तियों की सूची

ED ने रिलायंस ग्रुप की विभिन्न कंपनियों से संबंधित 18 से अधिक संपत्तियों, फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस और अनक्वोटेड निवेशों को अटैच किया है।


रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 7 संपत्तियां:



  • रिलायंस पावर लिमिटेड की 2 संपत्तियां

  • रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की 9 संपत्तियां

  • कई कंपनियों के FD और बैंक बैलेंस भी शामिल हैं जैसे:

  • Reliance Value Service Pvt Ltd

  • Reliance Venture Asset Management Pvt Ltd

  • Phi Management Solutions Pvt Ltd

  • Adhar Property Consultancy Pvt Ltd

  • Gamesa Investment Management Pvt Ltd


इसके अलावा, अनक्वोटेड निवेशों में किए गए निवेश भी अटैच किए गए हैं।


पिछली कार्रवाई का विवरण

ED ने पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM), रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस से जुड़े मामलों में ₹8,997 करोड़ मूल्य की संपत्तियां अटैच की थीं। जांच में यह सामने आया कि रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों ने सार्वजनिक धन को बड़े पैमाने पर डायवर्ट किया।



  • Reliance Home Finance Ltd (RHFL)

  • Reliance Commercial Finance Ltd (RCFL)

  • Reliance Infrastructure Ltd

  • Reliance Power Ltd


लोन और निवेश की जानकारी

2017 से 2019 के बीच Yes Bank ने RHFL में ₹2,965 करोड़ और RCFL में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया, जो बाद में NPA बन गए। जांच में यह भी पता चला कि RHFL और RCFL ने ₹11,000 करोड़ से अधिक की सार्वजनिक धनराशि प्राप्त की थी। SEBI के नियमों के कारण Reliance Nippon Mutual Fund सीधे इन कंपनियों में निवेश नहीं कर सकता था, इसलिए फंड को घुमावदार रास्ते से Yes Bank के माध्यम से रिलायंस कंपनियों तक पहुंचाया गया।


CBI की FIR के आधार पर, ED ने RCOM, अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ भी जांच शुरू की है। 2010 से 2012 के बीच ग्रुप कंपनियों ने देश-विदेश से ₹40,185 करोड़ के लोन लिए, जिनमें से 9 बैंकों ने इन खातों को धोखाधड़ी घोषित कर दिया है।


ED के अनुसार, 13,600 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए फिर से लोन लेकर "एवरग्रीनिंग" की गई, और 12,600 करोड़ संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर कर 1,800 करोड़ FD/MF में निवेश कर वापस समूह कंपनियों को रूट किया गया। बिल डिस्काउंटिंग का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर फंड फनलिंग की गई और कुछ धनराशि विदेशों में भी भेजी गई।