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IRDAI नियम: पॉलिसीधारक और नॉमिनी की एक साथ मृत्यु पर बीमा राशि का दावा कैसे करें

इस लेख में हम IRDAI के नियमों के बारे में चर्चा करेंगे, जो पॉलिसीधारक और नॉमिनी की एक साथ मृत्यु की स्थिति में बीमा राशि के दावे को स्पष्ट करते हैं। जानें कि नॉमिनी का कानूनी उत्तराधिकारी कौन होता है और कैसे बीमा राशि का दावा किया जा सकता है। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर यदि आप जीवन बीमा पॉलिसी के धारक हैं।
 

IRDAI नियम: भविष्य की सुरक्षा के लिए बीमा

आजकल हर व्यक्ति अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की बीमा पॉलिसी लेता है। इन पॉलिसियों के साथ नॉमिनी का चयन करना भी आवश्यक होता है, और इसके नियमों की जानकारी होना जरूरी है।


नॉमिनी का नाम बताना है अनिवार्य

जब कोई व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी खरीदता है, तो उसे नॉमिनी का नाम बताना अनिवार्य होता है। आमतौर पर, लोग अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाते हैं ताकि उनकी मृत्यु के बाद बीमा राशि पत्नी को मिले। इसी तरह, पत्नी भी अपने पति को नॉमिनी बना सकती है।


हालांकि, समस्या तब उत्पन्न होती है जब पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों की एक साथ मृत्यु हो जाती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बीमा राशि किसे मिलेगी।


IRDAI के नियमों का क्या कहना है

हाल ही में एक विमान दुर्घटना में कई परिवारों की एक साथ मृत्यु हो गई, जिसमें पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों शामिल थे। ऐसे मामलों में, IRDAI के नियमों के अनुसार, यदि पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों की मृत्यु एक साथ होती है, तो बीमा कंपनी यह मान सकती है कि नॉमिनी की मृत्यु पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद हुई।


कानूनी उत्तराधिकारी का हक

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में नॉमिनी का कानूनी उत्तराधिकारी ही बीमा राशि का दावा कर सकता है। बीमा कंपनी दावेदार और नॉमिनी के बीच संबंधों के प्रमाण और दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही भुगतान करती है।


क्लास वन और क्लास टू के कानूनी उत्तराधिकारी

हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत कानूनी उत्तराधिकारियों को दो श्रेणियों में बांटा गया है।


क्लास वन के कानूनी उत्तराधिकारी


  • पत्नी
  • बेटा या बेटी
  • माँ
  • यदि पॉलिसीधारक के बेटे या बेटी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके पोते और पोती भी बीमा राशि का दावा कर सकते हैं।


क्लास टू के कानूनी उत्तराधिकारी


यदि क्लास वन के कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हैं, तो क्लास टू के कानूनी उत्तराधिकारियों पर विचार किया जाता है, जिनमें पिता, भाई, बहन, भतीजा और भतीजी शामिल हैं।