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ITR और ऑडिट रिपोर्ट की फाइलिंग की तारीख बढ़ी, जानें नई डेडलाइन

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और ऑडिट रिपोर्ट फाइलिंग की अंतिम तारीखों में वृद्धि की है। अब करदाता 10 दिसंबर 2025 तक ITR और 10 नवंबर 2025 तक ऑडिट रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं। यह निर्णय टैक्सपेयर्स और पेशेवरों की मांग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि वे बिना किसी पेनल्टी के समय पर फाइलिंग कर सकें। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इससे प्रभावित करदाताओं की जानकारी।
 

ITR फाइलिंग की नई तारीख


यदि आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 यानी आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR जमा करने की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दिया है। इसका मतलब है कि करदाताओं को 40 दिनों की अतिरिक्त मोहलत मिल गई है।


ऑडिट रिपोर्ट की फाइलिंग की नई तारीख

इसके अलावा, ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि भी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 नवंबर 2025 कर दी गई है। CBDT ने यह निर्णय टैक्सपेयर्स, ऑडिटर्स और पेशेवरों की मांग को ध्यान में रखते हुए लिया है, ताकि वे समय पर और बिना किसी पेनल्टी के रिटर्न दाखिल कर सकें।


ITR और ऑडिट रिपोर्ट की नई डेडलाइन

अब ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 10 दिसंबर 2025 है, जबकि ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 10 नवंबर 2025 है। यह बढ़ोतरी केवल उन टैक्सपेयर्स के लिए लागू होगी जो क्लॉज (a) ऑफ एक्सप्लेनेशन 2 टू सेक्शन 139 (1) के अंतर्गत आते हैं। CBDT ने स्पष्ट किया है कि एक औपचारिक नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जाएगा।


लेट फाइलिंग की अनुमति

यह राहत मुख्य रूप से उन करदाताओं के लिए है जिनके खातों का ऑडिट अनिवार्य है, जैसे कि:


  • बड़े व्यापारिक फर्म्स
  • कॉरपोरेट्स
  • पेशेवर (CA, डॉक्टर, आर्किटेक्ट आदि)
  • पार्टनरशिप फर्म्स


इन टैक्सपेयर्स को आमतौर पर पहले 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक ITR दाखिल करना होता था, लेकिन अब CBDT ने दोनों डेडलाइन को बढ़ाकर ऑडिट रिपोर्ट के लिए 10 नवंबर और ITR के लिए 10 दिसंबर कर दिया है।


CBDT द्वारा तारीख बढ़ाने का कारण

CBDT की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, टैक्सपेयर्स और पेशेवरों की मांग को देखते हुए ITR फाइलिंग और ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाई गई है, ताकि शिकायतों की संख्या कम हो और कोई भी बिना तैयारी के फाइलिंग न करे। कई राज्यों में त्योहारों के कारण छुट्टियां चल रही थीं, जिससे टैक्स फाइलिंग में देरी हो रही थी।