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RBI की रेपो रेट में कटौती: लोन लेने वालों के लिए राहत

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है, जिससे कर्जदारों को राहत मिलेगी। इस निर्णय से होम लोन, ऑटो लोन और व्यक्तिगत लोन सस्ते होंगे, जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज में कमी आएगी। RBI का यह कदम अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जानें इस फैसले के विभिन्न पहलुओं के बारे में।
 

रेपो रेट में कमी का ऐलान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस वर्ष लगातार तीसरी बार अपनी रेपो रेट में 0.50% (50 बेसिस पॉइंट्स) की कमी की है। इस निर्णय से कर्जदारों को महत्वपूर्ण राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि इससे होम लोन, ऑटो लोन और व्यक्तिगत लोन जैसे कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जिससे मासिक किश्त (EMI) में भी कमी आएगी। हालांकि, इसका एक नकारात्मक पहलू यह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाला ब्याज भी घट जाएगा।


आम आदमी को लाभ

रेपो रेट में कमी से बैंकों को RBI से कम ब्याज दरों पर धन प्राप्त होगा, जिसका सीधा लाभ कर्जदारों को होगा। नए और पुराने दोनों प्रकार के लोन, जो रेपो रेट से जुड़े हैं, अब सस्ते हो जाएंगे। विशेष रूप से होम लोन लेने वालों के लिए यह एक सकारात्मक समाचार है, क्योंकि उनकी EMI का बोझ कम होगा।


उदाहरण के माध्यम से समझें

उदाहरण के तौर पर (8% की दर पर 20 साल के लोन के लिए):
| लोन राशि | पुरानी EMI | नई EMI | बचत |
| :——- | :——– | :—— | :—- |
| 20 लाख | 16,728 | 16,112 | 616 |
| 30 लाख | 25,093 | 24,168 | 925 |
| 40 लाख | 33,458 | 32,224 | 1,234 |
| 50 लाख | 41,822 | 40,280 | 1,542 |
(सभी राशि रुपये में, बचत राशि प्रति महीना)


बैंकों पर प्रभाव

RBI ने बैंकों के कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 1% की कमी की है। CRR वह राशि है जो बैंकों को अपनी कुल जमा का एक हिस्सा RBI के पास रखना होता है। CRR में कमी से बैंकों के पास लोन देने के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा, जिससे बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ेगी। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इससे 2.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कैश मिलेगा, जिससे बैंक अधिक लोन प्रदान कर सकेंगे।


FD पर ब्याज में कमी

रेपो रेट में कमी का सीधा असर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर पड़ेगा। बैंकों की फंडिंग लागत कम होने के कारण FD पर मिलने वाले ब्याज दरों में भी कमी आएगी, जिससे बचत करने वालों को कम रिटर्न मिलेगा।


छोटे कर्जदारों के लिए गोल्ड लोन में वृद्धि

RBI ने 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया है। इसका मतलब है कि 1 लाख रुपये के गोल्ड की वैल्यू पर अब 85,000 रुपये तक का लोन मिल सकेगा, जो पहले 75,000 रुपये था। इससे छोटे कर्जदारों को क्रेडिट प्राप्त करने में आसानी होगी और कागजी कार्रवाई भी कम होगी।


निष्कर्ष

कुल मिलाकर, RBI का यह कदम अर्थव्यवस्था में वृद्धि को प्रोत्साहित करने और कर्ज को सस्ता करके उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।