अगस्त में भारत के निर्यात में वृद्धि, लेकिन आयात में गिरावट की चिंता
अगस्त में निर्यात की स्थिति
अगस्त के महीने में भारत के निर्यात में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली, जो कि अपेक्षा से बेहतर है। हालांकि, आयात में 10.1 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव अभी पूरी तरह से सामने नहीं आया है।
निर्यात में वृद्धि के कारण
यह सकारात्मक है कि अगस्त में भारत का वस्तु निर्यात 6.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इस दौरान अमेरिकी बाजार में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया गया था। 23 अगस्त से रूसी कच्चे तेल की खरीद पर भी 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका के लिए निर्यात में 7.2 प्रतिशत की कमी आई। फिर भी, कुल मिलाकर निर्यात की स्थिति सकारात्मक रही।
आयात में गिरावट और भविष्य की चिंताएँ
हालांकि, इसी महीने आयात में 10.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि अमेरिकी टैरिफ का पूरा असर अभी तक नहीं दिखा है। अगस्त में निर्यात में वृद्धि का मुख्य कारण संभवतः पहले से प्राप्त ऑर्डर और रुपये की कीमत में गिरावट हो सकता है।
उत्पादन क्षेत्र की स्थिति
इसलिए, उत्पादकों को भरोसा नहीं है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी। इसके परिणामस्वरूप, उत्पादन में उपयोग होने वाली सामग्रियों के आयात में कमी आई है। यदि अमेरिकी टैरिफ से जल्द राहत नहीं मिली, तो निर्यात से जुड़े घरेलू क्षेत्र की स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे रोजगार, उपभोग और मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
एमएसएमई और निर्यात की चुनौतियाँ
भारत में सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों (एमएसएमई) की कुल संख्या में से केवल आधे प्रतिशत ने पिछले वित्त वर्ष में निर्यात किया। इस कमजोर स्थिति का कारण ढांचागत गतिरोध, जीएसटी की जटिलताएँ, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा है। इसका मतलब यह है कि निर्यात के मामले में भारतीय कारखाना क्षेत्र पहले से ही कमजोर था। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक बाजार में उथल-पुथल ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया है। फिर भी, निर्यात में वृद्धि एक अच्छी खबर है, लेकिन क्या यह स्थायी होगी?