अदाणी समूह को मिली क्लीन चिट, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत: तहसीन पूनावाला
अदाणी समूह की स्थिति पर राजनीतिक विश्लेषक की राय
पुणे: हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह को मिली क्लीन चिट को राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक विकास बताया।
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल सरकार या विपक्ष का नहीं है, बल्कि यह भारत के आर्थिक भविष्य से जुड़ा हुआ है।
पूनावाला ने स्पष्ट किया कि भारत को अगले 30-35 वर्षों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए केवल एक अदाणी की आवश्यकता नहीं है। देश को गौतम अदाणी और एलन मस्क जैसे कई उद्यमियों की जरूरत है। इसके लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती से खड़ा हो सके।
उन्होंने हिंडनबर्ग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वॉल स्ट्रीट का कोई नायक नहीं, बल्कि 'वॉल स्ट्रीट के भेड़िये' थे, जिनका उद्देश्य भ्रम फैलाना और भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला करना था।
पूनावाला ने बताया कि 1,200 पन्नों की विस्तृत जांच रिपोर्ट में हिंडनबर्ग के सभी आरोपों की गहन समीक्षा की गई। सुप्रीम कोर्ट ने गौतम अदाणी, राजेश अदाणी और अदाणी समूह के अन्य सदस्यों को क्लीन चिट देते हुए हर सवाल का जवाब दिया।
उन्होंने चेतावनी दी कि भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था है और इसे शिकारियों से बचाने की आवश्यकता है।
पूनावाला ने कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था और उद्यमियों की रक्षा करनी होगी। भारत को वैश्विक मंच पर आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि सेबी के आदेशों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार थे।
गुरुवार को दो अलग-अलग आदेशों में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से संबंधित मामलों में अदाणी ग्रुप की कंपनियों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त कर दिया।