अमेरिका की नई टैरिफ नीति: जनता पर पड़ रहा है भारी असर
विशेषज्ञों का आकलन: टैरिफ से नुकसान अधिक
विशेषज्ञों का दावा, दुनिया भर पर टैरिफ लगाने से अमेरिका को फायदा कम, नुकसान ज्यादा
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने कई विवादास्पद निर्णय लिए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण निर्णय नई टैरिफ नीति का लागू करना था। अप्रैल में, ट्रंप ने लगभग 80 देशों पर नई टैरिफ नीति लागू की। हालांकि, एक सप्ताह बाद इसे रोकना पड़ा, लेकिन जुलाई से अमेरिका ने नई दरों के अनुसार टैरिफ वसूलना शुरू कर दिया। ट्रंप ने दावा किया था कि इससे अमेरिका के खजाने में करोड़ों डॉलर की वृद्धि होगी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो रहा है कि जनता इस नीति से परेशान है।
आर्थिक विशेषज्ञों ने टैरिफ नतीजे बताए नकारात्मक
अर्थशास्त्र की प्रोफेसर गीता गोपीनाथ ने कहा है कि अमेरिका के लिए यह नीति नकारात्मक परिणाम दे रही है। उन्होंने कहा कि टैरिफ की घोषणा के छह महीने बाद भी इसका कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "क्या सरकार के लिए राजस्व बढ़ा? हां, लेकिन यह पैसा मुख्य रूप से अमेरिकी कंपनियों और उपभोक्ताओं से लिया गया है।"
महंगाई में वृद्धि का सामना कर रही अमेरिका की जनता
गोपीनाथ ने बताया कि टैरिफ के कारण महंगाई में वृद्धि हुई है, विशेषकर घरेलू सामानों के दामों में। उन्होंने कहा कि व्यापार संतुलन में सुधार का कोई संकेत नहीं है और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में भी कोई सफलता नहीं मिली है।
भारत पर भी टैरिफ का असर
ट्रंप ने भारत पर 50% का टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका उल्टा असर अमेरिका पर पड़ रहा है, जिससे वहां की कंपनियों और जनता को बोझ उठाना पड़ रहा है।