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अमेरिका की वीजा नीति में बदलाव का भारत पर प्रभाव

अमेरिका की नई वीजा नीति का भारत पर गहरा असर पड़ने वाला है। राष्ट्रपति ट्रंप ने एच1बी वीजा कार्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिससे भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना कठिन हो जाएगा। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से न्यूयॉर्क में मुलाकात होने जा रही है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारना है। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक और वीजा नीति के बारे में अधिक जानकारी।
 

अमेरिका की नई वीजा नीति

जब दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अपनी वीजा नीति में बदलाव करता है, तो इसका प्रभाव वैश्विक स्तर पर महसूस होता है। इस बार अमेरिका को अपने निर्णय पर दो बार सोचना होगा, क्योंकि इसका सबसे बड़ा असर भारत पर पड़ने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर टैरिफ बढ़ाकर उसे नुकसान पहुँचाया और अब एच1बी वीजा कार्यक्रम में कड़े नियम लागू करने का प्रस्ताव रखा है। ये नई पाबंदियाँ विदेशी पेशेवरों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना और भी कठिन बना देंगी। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इससे अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 


जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री की मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर आज न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान हो रही है और इसका उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों में हाल के सुधारों को आगे बढ़ाना है। सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और हाल की दूरियों को कम करने के प्रयास का हिस्सा है। रुबियो और जयशंकर की पिछली मुलाकातें वाशिंगटन में हुई थीं, लेकिन यह पहली बार होगा जब वे आमने-सामने मिलेंगे, खासकर तब जब व्यापार शुल्कों को लेकर तनाव बढ़ा है। 


भारत पर व्यापार शुल्कों का असर

ट्रंप ने बताया कि भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क, जिसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है, रूसी तेल की खरीद के कारण हैं। कूटनीतिक बदलाव के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार देखने को मिला है। व्यापार वार्ता फिर से शुरू हो गई है, और ट्रंप ने विश्वास व्यक्त किया है कि वे किसी समझौते पर पहुँचने में सफल होंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।