×

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: नई चुनौतियों का सामना

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति गंभीर होती जा रही है। दोनों देशों के हितों में टकराव के कारण वार्ताएं केवल क्षणिक राहत का साधन बन गई हैं। ट्रंप के नए नामकरण से लेकर चीन की नई रणनीतियों तक, यह लेख व्यापार युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। जानें कैसे अमेरिका की निर्भरता और चीन की रणनीतियाँ इस संघर्ष को और जटिल बना रही हैं।
 

व्यापार युद्ध की गंभीरता

अमेरिका और चीन के बीच वार्ताएं अब केवल अस्थायी राहत का साधन बनकर रह गई हैं। दोनों देशों के बीच के हित इतने विपरीत हो गए हैं कि इस व्यापार युद्ध का कोई तात्कालिक समाधान संभव नहीं है। हर नया चरण पिछले से अधिक गंभीर होता जा रहा है। इसीलिए, ऐसा लगता है कि अप्रैल में जो घटनाएं हुईं, वे केवल एक ट्रेलर थीं। असली फिल्म अब शुरू हो रही है!


ट्रंप का नया नामकरण

डॉनल्ड ट्रंप को 'TACO' नाम से पुकारा जा रहा है, जिसका अर्थ है 'Trump Always Chickens Out'। यह नाम अमेरिका के एक प्रमुख वित्तीय समाचार पत्र द्वारा दिया गया है। इस मुहावरे का अर्थ है किसी काम से डर के कारण पीछे हट जाना, विशेषकर जब वह साहस की मांग करता हो। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस मुहावरे को कई बार चरितार्थ किया है।


चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते

चीन के साथ अमेरिका के व्यापार संबंधों में हालिया तनाव ने ट्रंप को भड़काया। उन्होंने 10 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर लिखा कि चीन में अजीब घटनाएं हो रही हैं और वे अन्य देशों को पत्र भेजकर निर्यात पर नियंत्रण लगाने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि यह कदम वैश्विक बाजारों को प्रभावित करेगा।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने अमेरिका के नए प्रतिबंधों का जवाब दो स्तरों पर दिया। चीनी दूतावास ने कहा कि अमेरिका ने पिछले समझौते का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, चीन ने स्पष्ट किया कि निर्यात नियंत्रण केवल उन वस्तुओं पर लागू होगा जिनका सैन्य उपयोग संभव है।


अमेरिका की निर्भरता

अमेरिका के कई उद्योग अब चीनी आपूर्ति पर निर्भर हो चुके हैं। ट्रंप ने अप्रैल में चीन पर 145% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उन्हें बातचीत के लिए मजबूर होना पड़ा।


चीन की नई रणनीतियाँ

चीन ने अपनी निर्भरता को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, हिलियम गैस के मामले में, चीन अब रूस से 90-95% हिलियम आयात कर रहा है। इसी तरह, लौह अयस्क के लिए भी चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर निर्भरता कम की है।


भविष्य की चुनौतियाँ

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के ये उदाहरण केवल शुरुआत हैं। दोनों देशों के बीच के संबंधों में और भी जटिलताएँ आ सकती हैं। यह स्पष्ट है कि वार्ताएं अब केवल क्षणिक राहत का साधन बन गई हैं।