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अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: आरबीआई की चेतावनी

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों की चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि रत्न एवं आभूषण, झींगा, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स और फुटवियर जैसे उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इसके अलावा, उन्होंने सरकार के साहसिक कदमों और घरेलू मांग आधारित अर्थव्यवस्था के महत्व पर भी प्रकाश डाला। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है।
 

अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित होंगे कई उद्योग


आरबीआई गवर्नर का बयान


भारत इस समय आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना एक प्रमुख मुद्दा है। अमेरिका ने 7 अगस्त को 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया था, जिसे 27 अगस्त को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बताया है।


निर्यात पर टैरिफ का प्रभाव

गवर्नर ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ के कारण विकास में बाधाएं आएंगी। उन्होंने वित्त वर्ष 2026 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिसमें भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत प्रभाव की संभावना जताई गई है। उन्होंने रत्न एवं आभूषण, झींगा, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स और फुटवियर जैसे क्षेत्रों को इस निर्णय से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले उद्योगों के रूप में चिन्हित किया।


सरकार के साहसिक कदम

मल्होत्रा ने कहा कि भारत एक घरेलू मांग आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए टैरिफ का समग्र प्रभाव सीमित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी है, और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर भी चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि विकास दर मजबूत बनी रहेगी और आरबीआई का मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता बनाए रखना है।


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