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आईसीआईसीआई बैंक के नए नियमों का विरोध, नागरिक संस्था ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र

एक नागरिक संगठन ने आईसीआईसीआई बैंक के नए नियमों का विरोध करते हुए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। संगठन ने बैंक के निर्णय को समावेशी बैंकिंग के सिद्धांत के खिलाफ बताया है और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

नागरिक संस्था का विरोध

एक नागरिक संगठन, जो बैंकिंग हितधारकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने वित्त मंत्रालय को पत्र भेजकर आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बचत खातों में न्यूनतम जमा राशि बढ़ाने के निर्णय का विरोध किया है।


वित्त मंत्री से हस्तक्षेप की मांग

इस संगठन, बैंक बचाओ देश बचाओ मंच, ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस निर्णय में हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि यह कदम सरकार की समावेशी बैंकिंग और विकास की नीति के लिए हानिकारक है।


अन्यायपूर्ण और प्रतिगामी निर्णय

वित्त सचिव को भेजे गए पत्र में, बैंक बचाओ देश बचाओ मंच ने इस निजी बैंक के निर्णय को अन्यायपूर्ण और प्रतिगामी बताया। आईसीआईसीआई बैंक ने एक अगस्त से नए बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि को पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है।


ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभाव

आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए न्यूनतम शेष राशि को क्रमशः 25,000 रुपये और 10,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है।


समावेशी बैंकिंग के सिद्धांत पर असर

नागरिक संस्था के संयुक्त संयोजक, विश्वरंजन रे और सौम्य दत्ता ने कहा कि यह निर्णय समावेशी बैंकिंग के सिद्धांत को कमजोर करता है। उन्होंने इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की और सरकार से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने की अपील की।