आदिवासी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना: पीयूष गोयल
आदिवासी उद्यमियों के लिए नई पहल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को जानकारी दी कि उनका मंत्रालय आदिवासी निर्मित वस्तुओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना पर कार्य कर रहा है।
गोयल ने आदिवासी व्यापार सम्मेलन में उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा, "हम आपके उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक योजना विकसित कर रहे हैं। यह ई-कॉमर्स के माध्यम से हो सकता है या अंतरराष्ट्रीय गोदामों की स्थापना के जरिए, ताकि आपके उत्पाद वहां प्रदर्शित हो सकें और खरीदार उन्हें आसानी से प्राप्त कर सकें।"
सरकार का समर्थन और जीआई का महत्व
मंत्री ने यह भी बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिए वित्तीय आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है।
उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे उन वस्तुओं की पहचान करें जिन्हें भौगोलिक संकेतक (जीआई) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।
जीआई के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं को 10 वर्षों के लिए कानूनी सुरक्षा मिलती है।
जनजातीय व्यापार सम्मेलन का उद्देश्य
बुधवार को यशोभूमि में आयोजित जनजातीय व्यापार सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय उद्यमिता को सशक्त बनाना और समावेशी विकास को बढ़ावा देना था।
इस सम्मेलन का आयोजन डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें 250 से अधिक जनजातीय उद्यमियों को आमंत्रित किया गया।
मंत्रालयों की भागीदारी
कार्यक्रम में एमएसएमई, कौशल विकास एवं उद्यमिता, वस्त्र, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालयों की सक्रिय भागीदारी रही।
इस अवसर पर जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि सरकार इन उद्यमियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।