आरबीआई का बड़ा कदम: बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए 2 लाख करोड़ की खरीद
आरबीआई की नई नीति
2 लाख करोड़ की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और 10 अरब अमेरिकी डॉलर की स्वैप नीलामी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आरबीआई के गवर्नर ने हाल ही में बताया कि बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद की जाएगी और 10 अरब अमेरिकी डॉलर की डॉलर-रुपए स्वैप नीलामी का आयोजन किया जाएगा। यह ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) की खरीद और अदला-बदली की नीलामी 29 दिसंबर, 2025 से 22 जनवरी, 2026 के बीच होगी।
आरबीआई ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि वह तरलता और बाजार की बदलती परिस्थितियों पर नजर रखेगा और व्यवस्थित तरलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। यह घोषणा आरबीआई द्वारा भारत सरकार की प्रतिभूतियों की 1 लाख करोड़ रुपये की ओएमओ खरीद नीलामी और तीन साल की अवधि के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर की यूएसडी/आईएनआर स्वैप नीलामी के कुछ दिनों बाद आई है।
भारत की विकास दर 2026 में भी बनी रहेगी
भारत ने विपरीत परिस्थितियों और अमेरिकी टैरिफ के बावजूद आर्थिक विकास में सभी को चकित कर दिया है। जबकि अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक मंदी और अमेरिकी टैरिफ के डर में हैं, भारत ने विकासशील देशों में सबसे अधिक विकास दर बनाए रखी है। यह विकास दर 2026 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
गोल्डमैन सैश की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक विकास के स्थिर रहने की उम्मीद के बीच भारत अगले साल भी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 में वैश्विक विकास दर 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2.5 प्रतिशत के आम सहमति अनुमान से अधिक है। यह कई अर्थव्यवस्थाओं में स्थिर महंगाई और आसान मौद्रिक स्थितियों के कारण संभव हो रहा है। इस दौरान भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर लगभग 6.7 प्रतिशत और 2027 में 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।