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आरबीआई की MPC बैठक 2025: रेपो रेट 5.5% पर स्थिर, GDP वृद्धि का अनुमान 6.5%

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा है। इस निर्णय के पीछे मुद्रास्फीति में कमी और सकारात्मक आर्थिक परिदृश्य का योगदान है। RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% पर बनाए रखा है। जानें इस बैठक के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का निर्णय

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है और इसे 5.5% पर बनाए रखा है। बुधवार को RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि सभी सदस्यों ने इस दर को बनाए रखने पर सहमति जताई। सभी 6 सदस्यों ने तरलता समायोजन सुविधा के तहत रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। यह निर्णय जून में हुई पिछली बैठक में 50 आधार अंकों की कटौती के बाद लिया गया है, जिसका कारण मुद्रास्फीति में कमी थी।


रेपो रेट का महत्व

रेपो रेट एक महत्वपूर्ण ब्याज दर है, जिसके तहत RBI सभी बैंकों को ऋण प्रदान करता है। जब रेपो रेट घटता है, तो ग्राहकों के लिए लोन की EMI कम होने की संभावना होती है। इससे बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है, जिससे वे अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।


आर्थिक परिदृश्य की सकारात्मकता

आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक है। उन्होंने बताया कि मानसून का मौसम अच्छा चल रहा है और आगामी त्यौहारी सीजन में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की संभावना है। सरकार और RBI की सहयोगी नीतियों के चलते, यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है।


मंहगाई में गिरावट

भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट आ रही है। यह अब 6 सालों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, जून के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति दर 2.10 प्रतिशत (अनंतिम) रही, जो मई 2025 की तुलना में 72 आधार अंकों की गिरावट है। यह जनवरी 2019 के बाद से सबसे कम CPI मुद्रास्फीति दर है।


GDP वृद्धि का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% पर स्थिर रखा है। यह निर्णय RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद लिया गया है। RBI ने पूरे वर्ष के लिए तिमाही-वार अनुमान भी जारी किए हैं।