आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक: रेपो रेट में कटौती का संभावित प्रभाव
आरबीआई की बैठक का आगाज़
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज, 4 जून से शुरू हो रही है और यह 6 जून तक चलेगी। इस तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन, गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा की जाएगी। यह इस वर्ष की दूसरी MPC बैठक है।
रेपो रेट में संभावित कटौती
बैठक के दौरान, बैंक रेपो रेट पर महत्वपूर्ण निर्णय लेता है, जो व्यक्तिगत, होम और कार लोन को प्रभावित करता है। पिछली दो बैठकों की तरह, इस बार भी 0.25 प्रतिशत की कटौती की संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है, तो यह लगातार तीसरी बार होगा जब बैंक रेपो रेट में कमी करेगा, जिससे यह 5.75 प्रतिशत तक गिर सकता है। आइए जानते हैं कि रेपो रेट में कटौती का आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा।
रेपो रेट में कटौती के फायदे
1. रेपो रेट में कमी से खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे आपकी जेब में अधिक बचत होगी और मांग में वृद्धि हो सकती है।
2. लोन की उपलब्धता में वृद्धि होगी, जिससे बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा।
3. सबसे बड़ा प्रभाव आपकी लोन की ईएमआई पर पड़ेगा। ब्याज दरों में कमी से आपकी ईएमआई कम हो सकती है, जिससे होम और व्यक्तिगत लोन सस्ते हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौजूदा परिस्थितियों में रेपो रेट कम होता है, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यदि आरबीआई लगातार रेपो रेट में कटौती करता है, तो वर्ष के अंत तक यह 5.25 प्रतिशत तक गिर सकता है। ऐसे में यदि बैंक ब्याज दरों में कमी करता है, तो यह लोगों के लिए राहत की बात होगी, जिससे पहले से चल रहे होम, व्यक्तिगत और कार लोन सस्ते होंगे।