आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखीं, महंगाई का अनुमान घटाया
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक का निर्णय
मुंबई: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के परिणामों की घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखा है और मौद्रिक नीति का रुख 'न्यूट्रल' रखा है। इसके अलावा, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को 5.25 प्रतिशत पर और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
पिछली एमपीसी बैठक में भी अगस्त में आरबीआई ने रेपो दर में कोई परिवर्तन नहीं किया था। 2025 की शुरुआत से अब तक, केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में एक प्रतिशत की कमी की है, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के चलते महंगाई दर में कमी आई है। जीएसटी में कटौती से अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेजी आई है। हालांकि, निर्यात को लेकर टैरिफ के कारण चिंताएं बनी हुई हैं। गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त में 3.1 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है। आरबीआई ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।
इसके साथ ही, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई वृद्धि बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।