आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की
आरबीआई की मौद्रिक नीति में बदलाव
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार, 5 दिसंबर, 2025 को घोषणा की कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने पॉलिसी रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25 प्रतिशत करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया है। यह बैठक 3 से 5 दिसंबर तक आयोजित की गई थी। केंद्रीय बैंक ने फरवरी से शुरू होकर, घटते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के बीच, पहले ही तीन चरणों में 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।
आरबीआई की नीति के प्रभाव
MPC ने रेपो रेट को 25 bps कम करने का निर्णय लिया और 'न्यूट्रल' रुख बनाए रखने का भी फैसला किया है। RBI ने FY26 के लिए GDP वृद्धि के अनुमान को 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है, जबकि CPI महंगाई के अनुमान को 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है।
इस वर्ष, RBI ने फरवरी से चार बैठकों में कुल 125 bps की कटौती की है। अक्टूबर में, MPC ने रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखा और नीति का रुख 'न्यूट्रल' बनाए रखा।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) के निर्णयों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत किया गया।
- फरवरी 2025 से चौथी बार रेपो दर में कटौती, कुल 1.25 प्रतिशत की कमी।
- MPC ने मौद्रिक नीति का तटस्थ रुख बनाए रखने का निर्णय लिया।
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत किया गया।
- खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 2.6 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया।
- आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत गुंजाइश मौजूद है।
- प्रमुख आंकड़ों से तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधि के संकेत मिलते हैं।
- RBI खुले बाजार परिचालन के तहत 1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा।
- रिजर्व बैंक तीन साल की अवधि के लिए 5 अरब डॉलर का 'खरीब-बिक्री' डॉलर-रुपया अदलाबदली करेगा।
- बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता और लाभप्रदता मजबूत बनी हुई है।
- बैंकिंग प्रणाली के लिए स्थायी नकदी उपलब्ध कराने के लिए RBI प्रतिबद्ध है।
- वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान चालू खाता घाटा नरम रहने की उम्मीद है।
- 28 नवंबर, 2025 तक विदेशी मुद्रा भंडार 686.2 अरब डॉलर था।
- MPC की अगली बैठक 4 से 6 फरवरी, 2026 को होगी।